खूंटी: दुकानों से सामान खरीदकर पीएलएफआई नक्सलियों तक पहुंचाने और संगठन के नाम पर रंगदारी मांगने के दो आरोपितों संजय गोप उर्फ दिनेश गोप और देवेंद्र कुमार सिंह को पुलिस ने मंगलवार को जरियागढ़ थाना के मिटकोरा गांव से गिरफ्तार कर लिया।
संजय गोप बकसपुर किनूटोली गांव के लछू गोप का बेटा है जबकि देवेंद्र कुमार सिंह डहकेला निवासी स्व तपेश्वर सिंह का पुत्र है।
इस संबंध में एसपी आशुतोष शेखर ने बुधवार को बताया कि पिछले 27 सितंबर को पचियमी सिंहभूम जिले के बंदगांव थाना के बुढ़-तुमरूंग जंगल में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी।
मुठभेड़ स्थल से जब्त दैनिक उपयोग की वस्तुओं की जांच में पता चला कि सामानों की खरीदारी तोरपा की दुकान से हुई है। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि संजय गोप दुकान से सामान खरीदकर नक्सलियों तक पहुंचता था।
एसपी के निर्देश पर तोरपा के एसडीपीओ ओम प्रकाश तिवारी और पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन कर टाटी, उकड़ीमाड़ी, धोबी सोसो और मिटकोरा में छापेमारी की गयी।
छापेमारी के दौरान संजय और देवेंद्र को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से अवैध आग्नेयास्त्र, पीएलएफआई का पर्चा, चंदा रसीद और लेवी के 26 हजार रुपये बरामद किये गये।
गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ व्हाट्सएप्प के माध्यम से रांची के व्यापारी से तीन करोड़ और मुरहू स्थित पेट्रोल पंप से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगने में शामिल थे।
उन्होंने बताया कि वे अपने तीन-चार सहयोगियों के साथ मोबाइल से रंगदारी मांगते थे और नक्सलियों तक सामानों की आपूर्ति करते थे।
पुराना आपराधिक इतिहास रहा है संजय और देवेंद्र का
सामान खरीदकर पीएलएफआई नक्सलियों तक सप्लाई करने के आरोपित संजय गोप और देवेंद्र कुमार सिंह का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। दोनों पर कई उग्रवादी घटनाओं में शाामिल रहने का आरोप है।
संजय गोप उर्फ दिनेश गोप के खिलाफ आम्र्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और 17 सीएलए के तहत कर्रा थाने में 2012 और 2018 में दो मामले और रनिया थाने में इस वर्ष एक मामला दर्ज है।
वहीं देवेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कर्रा थाने में आम्र्स एक्ट और 17 सीएलए के तहत नामदर्ज प्राथमिकी दर्ज है।