नवादा: जिले के वारिसलीगंज थाने के अपसढ़ गांव में जहरीली शराब से रविवार सुबह दो युवकों की मौत हो गई।
शराब माफियाओं के डर से मृतक के परिजनों या किसी को भी यह कहने की हिम्मत नहीं कि उसके बेटे ने शराब पीने के बाद आंख की रोशनी खत्म होने के साथ ही मौत को गले लगाया।
रविवार की दोपहर तक जिला मुख्यालय नवादा में भी अपसढ़ गांव में शराब से मौत की खबर जंगल की आग की तरह फैल गयी कि चानो सिंह के पुत्र 20 वर्षीय चंदन कुमार तथा जयकरण सिंह के पुत्र 22 वर्षीय रोशन कुमार की मौत शराब से हो गई।अपसढ़ गांव के कुछ लोगों ने जहरीली शराब से मौत होने के बाद दबी जुबान से स्वीकार की है।
लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि शराब माफियाओं के डर से मृतक के परिजन भी सच्चाई बताने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं।
लाश को बिना पोस्टमार्टम कराए जला दिया गया।वारिसलीगंज के थाना प्रभारी को सबकुछ जानकारी थी। शराब माफियाओं से मिलीभगत के कारण ही लाश को बगैर पोस्टमार्टम के जलाने में सहयोग किया।
नवादा के एसपी हरिप्रसाद ने पूछे जाने पर बताया कि जहरीली शराब से मौत के मामले में थाना प्रभारी को जांच के आदेश दिए गए हैं ,लेकिन थाना प्रभारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
ग्रामीणों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 18 दिसम्बर की शाम में दोनों युवकों ने शराब पी थी। 19 दिसम्बर को दोनों की आंख की रोशनी खत्म होती चली गई।
अंततः रविवार की सवेरे तक दोनों ने दम तोड़ दिया ।गांव में रह रहे दोनों मृतक के परिजन माफियाओं के दबंग ता के कारण कुछ भी कहने को तैयार नहीं।
सबसे दुर्भाग्यजनक बात तो यह है की जानकारी के बावजूद भी पुलिस ने दोनों युवकों का पोस्टमार्टम नहीं कराया।अगर पोस्टमार्टम करा लिया जाता तो निश्चित तौर पर सच्चाई सामने आ जाती।
नवादा जिले में वारसलीगंज का इलाका इन दिनों अवैध शराब बिक्री का सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। इसकी जानकारी पुलिस को भी है।
शराब माफियाओं से गठजोड़ के कारण पुलिस की आमदनी का सबसे बड़ा धंधा वर्तमान समय में अवैध शराब का धंधा ही है।
जिस कारण अगर कोई माफियाओं के संबंध में कुछ बोलता भी है, तो पुलिस माफियाओं से मिलकर सूचना देने वालों को ही परेशान करती है। इस कारण कोई अवैध शराब के कारोबार के संबंध बताने की हिम्मत तक नहीं करते।