करीमगंज (असम): दिल्ली स्थित डिजिटल मीडिया एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क की दो महिला पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को असम की करीमगंज जिला के नीलाम बाजार पुलिस रविवार की शाम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
दोनों पर त्रिपुरा पुलिस ने आरोप लगाया है कि कथित रूप से गोमती जिला की एक मस्जिद में कुरान जलाने और एक हिंदू समूह द्वारा निर्माणाधीन मस्जिद ढहाने की कहानी इन दोनों पत्रकारों ने बनाई, जिसके चलते पिछले दो दिन में महाराष्ट्र में हिंसा हुई।
पुलिस का दावा है कि ये पत्रकार उस टीम का हिस्सा हैं जो पिछले दो हफ्तों से ग्रुप्स में आकर सांप्रदायिक हिंसा के बारे में झूठी जानकारी फैला रही हैं। दोनों गुरुवार को राज्य में कथित सांप्रदायिक तनाव को कवर करने आने की बात कही है।
बता दें कि पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके होटल में आई और उन्हें “डराया-धमकाया”। देर शाम उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। इन पत्रकारों पर दो धार्मिक आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगा है। विहिप नेता कंचन दास द्वारा दर्ज कराई गई इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार, त्रिपुरा आने के बाद दोनों गोमती जिला के उदयपुर इलाके में गई थीं। इसके बाद पश्चिमी त्रिपुरा के अल्पसंख्यक-बहुल मोहल्लों में पहुंची। शनिवार को वे उन्नाकोटि जिले में पहुंची जहां के पाल बाजार इलाके में कथित रूप से एक हिंदू समूह द्वारा निर्माणाधीन मस्जिद ढहाने की कहानी गढ़कर लोगों को भड़काने की कोशिश की।
मौका पाकर दोनों उन्नाकोटि जिला छोड़ चुकी थीं और उत्तरी त्रिपुरा के मुख्यालय धर्मनगर के होटल में रुकी हुई थीं। पुलिस रात में ही नोटिस थमाने के लिए पहुंची। दोनों के विरुद्ध धर्म के आधार पर दो समूहों में नफरत भड़काने के लिए धारा 153-ए और आपराधिक साजिश रचने के लिए 420-बी का नोटिस दिया गया। हालांकि उन्हें रात में नोटिस नहीं लिया।
उन्होंने दिल्ली में किसी वकील को फोन किया और कहा कि कपिल सिब्बल से बात हो रही है। वे दिल्ली की यात्रा के लिए अगली सुबह अगरतला की लोकल ट्रेन पकड़ना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें होटल में रोक लिया।
कुछ समय बाद, एक वकील आया और फिर उसने नोटिस रिसीव किया। पुलिस ने उन्हें अगरतला तक जाने की इजाजत दे दी, जहां उन्हें 21 नवम्बर को अपना बयान दर्ज कराना था लेकिन दोनों मौका पाकर सड़क मार्ग से त्रिपुरा से निकलकर रविवार को असम पहुंच गयी।
पुलिस के अनुसार, दोनों के विरुद्ध शिकायतें मिलने के बाद फटिकरॉय थाने में दोनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपों के अनुसार समृद्धि और स्वर्णा ने स्थानीय मुस्लिमों को उकसा कर उनसे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के खिलाफ बयान दिलवाया कि 23 अक्टूबर को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए पाल बाजार की मस्जिद गिरा दी थी। त्रिपुरा पुलिस की सक्रियता के बाद दोनों त्रिपुरा से भागने की कोशिश की।
असम के करीमगंज जिला शहर पहुंचने पर त्रिपुरा पुलिस की सूचना पर करीमगंज के नीलामबाजार पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर करीमगंज थाने में फिलहाल पूछताछ कर रही है।