नई दिल्ली: भारत में कोरोना महामारी के असर को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात ने भारत के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी इमारतों में से एक बुर्ज खलीफा को तिरंगे के रंग में रंग दिया।
वहीं यूएई ने अबूधाबी के राष्ट्रीय ऑयल कंपनी के टॉवर को भी तिरंगे में दिखाया।
इन दोनों बिल्डिंग्स पर हैशटैग के साथ स्टे स्ट्रांग इंडिया का मैसेज भी दिखाया गया।
यूएई के इन इमारतों पर पिछले कई साल से भारत के स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती के अवसर पर तिरंगे के रंग में प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कि इस देश ने भारत के प्रति अपने समर्थन का ऐसे इजहार किया है।
भारत और यूएई के संबंध पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुए हैं।
पाकिस्तान जब जम्मू-कश्मीर पर भारत द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ वैश्विक समुदाय को भड़काने की कोशिश में लगा हुआ था, उस वक्त भी यूएई भारत के साथ खड़ा दिखा।
यूएई ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने के फैसले को भारत का आंतरिक मामला बताया था।
दुनिया की सबसे ऊंची इस इमारत पर पहले भी कई बार तिरंगा देखने को मिला है।
यूएई ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर भी बुर्ज खलीफा को तिरंगे के रंग में प्रदर्शित किया था।
इसके अलावा 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बुर्ज खलीफा पर उनके संदेशों और तस्वीरों की झलक दिखाई थी।
इसके पहले पीएम मोदी के यूएई दौरे पर मार्च 2018 में भी दुनिया की इस ऊंची इमारत पर भारतीय तिरंगा दिखा था।
दुनिया के कई देशों से कोरोना संकट से जूझ रहे भारत को मदद का ऑफर मिल रहा है।
रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और सऊदी अरब से तो सहायता समाग्री भी भारत रवाना हो चुकी है।
इनके अलावा चीन, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल समेत बहुत से देश भारत की हां का इंतजार कर रहे हैं। इन देशों ने कई बार भारत को सहायता करने का अनुरोध किया है।
अमेरिका ने तो फजीहत होने के बाद वैक्सीन निर्माण में प्रयोग की जाने वाले कच्चे माल पर लगी पाबंदी को भी हटा लिया है।
इससे भारत में वैक्सीन निर्माण की गति के काफी तेज होने की उम्मीद है। जो बाइडन ने खुद कहा है कि वे भारत को सभी प्रकार की आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाएंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और एनएसएस जेक सुविलन भारत के लगातार संपर्क में हैं।