Ukraine Crisis : भारत सरकार ने Ukraine में फंसे सभी भारतीय नागरिकों और स्टूडेंट्स को रोमानिया और हंगरी के रास्ते अपने देश लाने के लिए के लिए एडवाइजरी जारी की है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय ने भारत में अपने नियंत्रण कक्ष का विस्तार किया है और इसे 24×7 आधार पर चालू किया है।
नियंत्रण कक्ष स्थापित
विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उन्होंने Ukraine में मौजूदा स्थिति के कारण नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और नियंत्रण कक्ष उन सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सूचना और सहायता प्रदान करेगा जो युद्ध से वापस आना चाहते हैं।
भारतीय दूतावास
भारतीय दूतावास ने Ukraine में मौजूद सभी नागरिकों और स्टूडेंट्स को बताया है कि उन्हें भारत सरकार शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की है। इसी क्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने को लेकर भारत सराकर रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया के अपने समकक्षों से की थी।
यूक्रेन में तबाही
विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन इस संकट को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी फोन पर बातचीत की थी और इस बात को रेखांकित किया था कि ऐसे हालात को शांत करने के लिए कूटनीति सर्वश्रेष्ठ रास्ता है। वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष पर पुरी दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। आइए हम आपको बता दें कि गुरूवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई से यूक्रेन में तबाही दुनियाभर में रूस की निंदा कर रही है।
सड़क मार्ग से प्रवेश का आदेश
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सड़क मार्ग से यूक्रेन की सीमा पर लगे दूसरे देशों में प्रवेश करवाया जाए। भारत सरकार दूसरे देशों से यह बात करेगी की बिना VISA के केवल भारतीय पासपोर्ट पर उनको उन देशों में आने दिया जाए। कुवैत संकट के समय नब्बे के दशक में भारत ने ऐसा भी किया था। वहीं कौन-कौन से विकल्प ख़त्म हो चुके हैं इसको लेकर भी चर्चा की गई है। फ़िलहाल हवाई मार्ग सम्भव नहीं है। पूर्व में रुस, उत्तर में बेलारूस और दक्षिण में ब्लैक सी अभी के हिसाब से यह एक सम्भावित सीन बन रहा है।
कीव में भारतीय दूतावास ने एक अधिसूचना जारी कर यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुरक्षित रहने और अपने घरों, छात्रावासों या आवासों में लौटने के लिए कहा था। बढ़ती अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अंदर ही रहने और यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है। जो छात्र कीव की यात्रा कर रहे हैं, उन्हें अपने-अपने शहरों, विशेषकर पश्चिमी सीमावर्ती देशों में लौटने के लिए कहा गया है। भारी सैन्य कार्रवाई का सामना करने के बाद से उन्हें यूक्रेन की राजधानी कीव से दूर रहने के लिए कहा गया है।