नई दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे छात्र जब हवाई अड्डे से बाहर निकल कर लंबे वक्त से इंतजार कर रहे अपने अभिभावकों से मिले तो सभी भावुक हो गए।
हवाई अड्डे पर हर कहीं नम आंखों से बच्चों के अपने अभिभावकों से गले मिलने, मुस्कुराने, मालाएं पहनाने और एक दूसरे को मिठाई खिलाने का दृश्य था। इस दौरान ‘भारत माता की जय’’ और ‘‘मोदी है तो मुमकिन है’’ जैसे नारे भी कुछ लोगों ने लगाए।
युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से निकाले गए 240 भारतीय छात्रों को पोलैंड के ज़ेजॉ शहर से लेकर ‘एअर इंडिया’ का एक विशेष विमान शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंचा। विमान ने बृहस्पतिवार रात साढ़े 11 बजे ज़ेजॉ से उड़ान भरी थी और शुक्रवार सुबह पौने छह बजे वह दिल्ली पहुंचा।
ये छात्र देश के विभिन्न राज्यों यानी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,राजस्थान,गुजरात,पंजाब,हरियाणा आदि से थे।
सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल छात्र धीरज कुमार को आईजीआई हवाई अड्डे पर लेने के लिए उनका परिवार हिमाचल प्रदेश के चंबा से आया था।
धीरज के हवाई अड्डे से बाहर आने पर उनके परिजनों ने उन्हें गले लगाया और रोने लगे। धीरज के पिता ने अपने बेटे को माला पहनायी और वहां मौजूद लोगों को मिठाई भी खिलाई।
कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘ हम चंबा से आए हैं और आधी रात से इंतजार कर रहे हैं। अब जब मेरा बेटा सकुशल लौट आया है,मेरे सारे दुख दूर हो गये।’’
कुछ छात्रों ने उनकी निकासी में मदद के लिए भारत सरकार, भारतीय दूतावास और विश्वविद्यालय का आभार जताया यूक्रेन से वापस लाए गए राजस्थान के लविश कलाल, उत्तराखंड की तन्वी चौधरी आदि भी अपने परिजनों से मिल कर भावुक हो गयीं और उन्होंने सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार का आभार जताया।
भारत सरकार युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को निकलने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत एक चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चला रही है। सूमी से 600 छात्रों को निकालने का अभियान मंगलवार को सुबह शुरू हुआ।