न्यूयार्क: यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ एवं उससे जुड़े अन्य संगठन लगातार सक्रिय हैं।
सभी संगठन प्रकारांतर से रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने यूक्रेन में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जाहिर करते हुये इस मसले पर आपात चर्चा का प्रस्ताव किया था।
47 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में 29 देशों ने चर्चा का समर्थन किया। जबकि चीन और रूस सहित पांच देश खुलकर विरोध में आए। वहीं भारत सहित 13 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र के दौरान यूक्रेन में संकट का बड़ा मुद्दा छाया रहा। संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने यूक्रेन में सैन्य हमलों के दौरान हताहत होने वाले आम नागरिकों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता जतायी और कहा कि अनगिनत जिन्दगियों के लिये जोखिम पैदा हो रहा है।
यूक्रेन ने रूस के विशेष सैन्य अभियान के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की। इसके बाद 47 सदस्य देशों से इस मांग पर मतदान के लिये कहा गया।
इसके पक्ष में 29 देशों ने मतदान किया। वहीं पांच मत विरोध में पड़े। 13 देश मतदान से अनुपस्थित रहे।
अब गुरुवार को तीन बजे चर्चा कराने का फैसला हुआ है। इस मतदान में अनुपस्थित रहने वालों में भारत भी शामिल है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 26 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान से भी भारत अनुपस्थित था।