कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पहला पेपरलेस बजट पेश किया है।
इसमें बंगाल के लिए सड़क निर्माण समेत कई अन्य परियोजनाओं की घोषणा की गई है।
हालांकि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसे दिशाहीन बजट करार दिया है।
पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि भारत का पहला पेपरलेस बजट भी 100 फ़ीसदी दिशाहीन है।
इस नकली बजट का एकमात्र मकसद भारत को बेचना है।
ब्रायन ने बजट पेश होने के बाद ट्वीट कर इसकी खामियों को गिनाया है।
इसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र ने रेलवे को बेच दिया, हवाई अड्डे को बेच दिया, बंदरगाहों को बेच दिया, इंश्योरेंस को बेच दिया गया और 23 पीएसयू भी बेच दिए गए।
उन्होंने कहा है कि बजट में आम लोगों की अनदेखी की गई है, किसानों की अनदेखी की गई है, इससे अमीर और अमीर होंगे, मध्यमवर्ग को कुछ नहीं मिला है और गरीब और गरीब हो जाएंगे।
अपने ट्वीट में डेरेक ने दावा किया है कि ममता बनर्जी के शासनकाल में बंगाल में बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण हुए हैं।
आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि वाममोर्चा के शासनकाल के दौरान 2011 तक केवल 39705 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनी हैं जबकि 2011 से लेकर 2020 तक पश्चिम बंगाल सरकार ने 88841 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें विकसित की हैंं।
उन्होंने कहा है कि बंगाल जो कल करता है, वह केंद्र सरकार आज केवल बात करती है।
बंगाल में 625 किलोमीटर सड़कें बनाने के केंद्र सरकार की घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में बंगाल के लिए केवल 625 किलोमीटर सड़क बनाने का दावा किया है जबकि बंगाल सरकार ने 2018 से 2019 के बीच 5111 किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं और 2019 में 1165 किलोमीटर सड़कें निर्मित की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट में रेलवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट में एफडीआई को बढ़ावा दिया है जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय परियोजनाओं को बेचने का आरोप लगा रही है।