गुमला : केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने गुरूवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आकांक्षी जिला योजना के तहत विभागवार विभिन्न सूचकों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान डीसी ने बताया कि बीते छह वित्तीय वर्षों में पीएम आवास योजना शहरी क्षेत्र अंतर्गत 82 प्रतिशत लाभुकों को वासों का लाभ दिलाया गया।
वहीं पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत इसी अवधि में 43960 लाभुकों को आवासों का लाभ दिलाया गया। बीते वित्तीय वर्ष में 9500 लाभुकों को जोड़ा गया है।
इसमें से 2800 लाभुकों के आवास निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है तथा अगले छह माह में शेष सभी लाभुकों के लंबित आवासों को भी पूरा कर लिया जायेगा।
पेंशन एवं बीमा योजनाओं की समीक्षा
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अबतक 12721 पूर्व अप्रमाणित लाभुकों को लाभ दिलाया गया है। डीसी ने बताया कि जून और जुलाई माह में युद्धस्तर पर 60 हजार लाभुकों को योजना का लाभ दिलाया जायेगा।
उनकी बातें सुनने के बाद पुरुषोत्तम रुपाला ने भारत सरकार के पास उपलब्ध आयुष्मान कार्ड की पूरी सूची प्राप्त करते हुए सूची के आधार पर लाभ लेने वाले लाभुकों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का अधिकाधिक लाभ दिलाने का निर्देश दिया।
उन्होंने अधिकाधिक लोगों के बीच आयुष्मान कार्ड वितरण के लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों के बीच योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आयुष्मान कार्ड वितरण करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।
इसके बाद प्रधानमंत्री जन धन योजना की समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में डीसी ने बताया कि जिले में लगभग 05 लाख 26 हजार लाभुकों के जनधन खाते खोले गए। इससे लाभुक विभिन्न प्रकार के लाभ पा रहे हैं।
वहीं विभिन्न पेंशन एवं बीमा योजनाओं की समीक्षा के क्रम में डीसी ने अटल पेंशन योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 113 प्रतिशत उपलब्धि, जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनांतर्गत निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 93 प्रतिशत, वर्तमान में 5000 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेशन का लाभ दिलाने की जानकारी दी।
जेएसएलपीएस (एएनआरएलएम) की समीक्षा के क्रम में उन्होंने बताया कि पूरे जिले में 1 लाख 47 हजार 844 परिवारों की एक-एक महिलाओं को जोड़कर एसएचजी का गठन किया गया है।
एसएचजी में जुड़कर महिलाएं गो-पालन, बकरी पालन न्य व्यवसाय कर अपनी आजीविका कमा रही
907 विलेज ऑर्गैनाईजेशन बनाए गए हैं तथा क्लस्टर लेवल फेडेरेशन की संख्या 35 है। ये क्लस्टर लेवल फेडेरेशन बैंकों की तरह कार्य करते हैं। एसएचजी में जुड़कर महिलाएं गो-पालन, बकरी पालन, बैकय़ार्ड पॉल्ट्री, बत्तख पालन, शूकर पालन और अन्य व्यवसाय कर अपनी आजीविका कमा रही हैं।
मत्स्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान डीसी ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 20-21 में योजनाओं का क्रिय़ान्वयन कर लिया गया। वित्तीय वर्ष 21-22 में योजनाएं स्वीकृत कर ली गई तथा 22-23 में बैठक कर नई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 15 प्रस्तावों को अनुमोदित कर भेज दिया गया है।
वित्तीय वर्ष 20-21 में कार्प हैचरी के लिए निर्धारित लक्ष्य 01 के विरूद्ध 01 का अधिष्ठापन कर लिया गया। वहीं, साइकिल आइस बॉक्स के लिए निर्धारित लक्ष्य 10 के विरूद्ध 10 वितरित कर दिया गया है। इसपर केंद्रीय मंत्री ने उनसे जिले में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने केज कल्चर का अनुसंधान कर मत्स्य पालन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने केज कल्चर के साथ-साथ वैसे अन्य क्षेत्र जिससे मत्स्य निर्यात की संभावना बढ़ सकती हो उसपर विशेष ध्यान देने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने उदारता से योजनाओं का क्रियान्वयन करते हुए जिले के परिप्रेक्ष्य से प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का चयन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने आकांक्षी जिला योजना के 03 मुख्य प्रतिमानों राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय औसतों के आधार पर जिले के प्रदर्शन का पुनः आकलन करते हुए संकलित रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।