नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने हाइफा मुक्ति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के तीन मूर्ति-हाइफा चौक पर बहादुर सैनिकों को नमन किया और श्रद्धांजलि दी।
शौर्य और बलिदान दिवस पर इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने किया था।
दरअसल, आज से 103 वर्ष पूर्व 23 सितंबर 1918 को भारत के 3 रेजीमेंटों- जोधपुर, मैसूर और हैदराबाद लांसर्स के बहादुर जवानों ने तुर्की साम्राज्य के सैनियों को हरा कर हाइफा की लड़ाई जीती थी और इस शहर को इजरायल को सौंप दिया था।
इस लड़ाई में 900 से ज्यादा भारतीय सैनिकों ने बलिदान दिया था।
इन वीर सैनिकों की याद में इजरायल के हाइफा में भी स्मारक बनाया गया है और इजरायल आज भी इन भारतीय सैनिकों की बहादुरी को याद करता है।
हाइफा की इसी लड़ाई की याद में संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार हर साल 23 सितंबर को शौर्य और बलिदान दिवस के नाम से इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
इंद्रेश कुमार को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध की लड़ाई के दौरान साधारण और परंपरागत हथियारों के बल पर भारत के बहादुर जवानों ने आधुनिक हथियारों से लैस ऑटोमन साम्राज्य के सैनिकों को हरा कर दुनियाभर में अपनी बहादुरी की छाप छोड़ी थी।
तीन मूर्ति- हाइफा चौक के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां लगी तीन मूर्तियां जोधपुर, मैसूर और हैदराबाद के सैनिकों का प्रतीक है। उस समय तीन मूर्ति स्थित इस आवास में ब्रिटिश सेना के कमांडर इन चीफ रहा करते थे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि कहा कि हमें इस तीन मूर्ति- हाइफा चौक को एक तीर्थ की तरह मानना चाहिए और हर व्यक्ति को यहां आकर नमन जरूर करना चाहिए।