नई दिल्ली: पैसेंजर ट्रेन के किरायों में की गई बढ़ोतरी पर रेल मंत्रालय ने साफ किया है कि यह वृद्धि तीन फीसद से भी कम है।
मंत्रालय ने कहा है कि इसके पीछे एक मकसद कोरोना काल में लोगों को ज्यादा जरूरत न होने पर यात्रा करने से हतोत्साहित करना भी है।
अभी भी कोविड 19 का दुष्प्रभाव आ रहा है और राज्य सरकारें तमाम एहतियाती कदम उठा रही हैं।
इससे रोजाना चल रही 326 ट्रेने ही प्रभावित हुई हैं। इससे इन ट्रेनों में मेल-एक्सप्रेस में अनारक्षित श्रेणी के बराबर का किराया देना होगा।
मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि अभी भी रेलवे यात्री टिकटों पर भारी सबसिडी दे रहा है और उसने हाल में पैसेंजर ट्रेनों के किराए में जो बढ़ोतरी की है, वह मामूली है।
इससे लोगों को ज्यादा जरूरत न होने पर यात्रा करने से रोकना, ट्रेनों में भीड़ को कम करना और कोरोना को फैलने से को रोकना भी है।
छोटी दूरी की पैसेंजर ट्रेनों में विशेष प्रावधान के तहत इन ट्रेनों का किराया इतनी ही दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अनारक्षित टिकट जितना तय हुआ है।
मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन में छूट के बाद से रेलवे सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चला रही है।
शुरुआत में सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था लेकिन अब कम दूरी की यात्री ट्रेनों का भी परिचालन हो रहा है।
गौरतलब है कि यात्री और लोकल ट्रेन सेवा फिर से शुरू करने के बाद रेलवे को किराए में वृद्धि को लेकर यात्रियों की आलोचना झेलनी पड़ी थी।