दिलीप शुक्ला: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने न केवल भाजपा नेता के रूप में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकार्ड बनाया बल्कि उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व में भाजपा ने जोरदार वापसी की तरफ अग्रसर हैं।
उत्तर प्रदेश के तीन दशक के इतिहास में भाजपा इकलौता दल है जिसने सत्ता में रहते हुए दोबारा वापसी की हो। लंबे समय से कोई अन्य दल सरकार में रहते हुए विधानसभा चुनावों में वापसी नहीं कर सका।
भारतीय जनता पार्टी का छह अप्रैल 1980 को गठन हुआ। तब से भाजपा का लंबे समय तक संघर्ष जारी रहा। पहली बार भाजपा 1991 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई।
राम जन्मभूमि आंदोलन के महानायक कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने। छह दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंश के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागृ हुआ।
उसके बाद भाजपा वापसी नहीं कर सकी। भाजपा की 1997 में पुन: वापसी हुई। कल्याण के अलावा उप्र भाजपा से राम प्रकाशु गुप्त और राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री बने।
इन तीनों चेहरों में कल्याण सिंह सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2002 के बाद भाजपा करीब डेढ़ दशक तक सत्ता से बाहर रही। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बाद 2017 में उप्र में भी भाजपा ने वापसी की।
पांच साल तक योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की है।
तीन वर्ष 217 दिन मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह पहली बार 24 जून 1991 को उप्र के मुख्यमंत्री बने। वह भाजपा के टिकट के पर अतरौली विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे।
उनका यह कार्यकाल एक वर्ष 165 दिन का रहा है। कल्याण सिंह दूसरी बार 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक मुख्यमंत्री रहे। इस बार वह दो वर्ष 52 दिन मुख्यमंत्री रहे।
इस प्रकार से कल्याण सिंह का दोनों कार्यकाल मिलाकर तीन वर्ष 217 दिन का मुख्यमंत्रित्व काल रहा।
रामप्रकाश गुप्त केवल 351 दिन ही रहे मुख्यमंत्री
इनके बाद भाजपा के राम प्रकाश गुप्त मुख्यमंत्री बने। वह 12 नवंबर 1999 से 28 अक्टूबर 2000 तक मुख्यमंत्री रहे। वह एक वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। रामप्रकाश गुप्त 351 दिन मुख्यमंत्री रहे।
राजनाथ सिंह का रहा एक साल 131 दिन मुख्यमंत्रित्व काल
गुप्त के बाद राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए। भाजपा नेता राजनाथ सिंह 28 अक्टूबर 2000 से आठ मार्च 2002 तक मुख्यमंत्री रहे। उनका एक वर्ष 131 दिन का कार्यकाल रहा है।
राजनाथ सिंह के बाद करीब डेढ़ दशक तक भाजपा उप्र की सत्ता में वापसी नहीं कर सकी। इसके बाद सीधे 2017 में भाजपा ने जबरदस्त वापसी की तो गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने।
पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह भाजपा के पहले मुख्यमंत्री ही नहीं बने बल्कि उनके नेतृत्व में दोबारा पूर्ण बहुमत भी मिलता दिखाई दे रहा है।