बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में 35 वर्षीय पत्रकार और उसके दोस्त की हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पत्रकार की घर में आग लगने से मौत हो गई थी। आरोपियों ने घर को जलाने के लिए अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया था ताकि हत्या एक हादसे की तरह लगे।
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी), देव रंजन वर्मा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में ललित मिश्रा, केशवानंद मिश्रा और अकरम अली शामिल हैं।
उन्हें सोमवार को बहादुरपुर क्रॉसिंग के पास एक जंगल से गिरफ्तार किया गया था।
तीनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
एसपी ने कहा कि केशवानंद की मां ग्राम प्रधान थीं और राकेश सिंह ने उनके कामकाज में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। आरोपी इस वजह से राकेश सिंह से नाराज था।
एसपी ने कहा, वे कुछ बातचीत करने के बहाने उनके घर गए। उन्होंने राकेश सिंह और उनके दोस्त को शराब पिलाई और बाद में घर में आग लगा दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, केमिकल का इस्तेमाल कर घर को जलाने के लिए ललित मिश्रा और केशवानंद मिश्रा ने अकरम अली उर्फ अब्दुल कादिर की मदद ली, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में माहिर हैं।
स्थानीय समाचार पत्र के लिए काम कर रहे 35 वर्षीय पत्रकार राकेश सिंह और 32 वर्षीय उनके दोस्त पिंटू साहू शनिवार को कलवारी गांव में घर में लगी आग में गंभीर रूप से झुलस गए थे।
साहू की मौके पर ही मौत हो गई और 90 फीसदी जलने के साथ राकेश सिंह को लखनऊ के अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, राकेश सिंह की पत्नी और बच्चे घटना के दो दिन पहले एक रिश्तेदार के घर गए थे।
पुलिस ने कहा कि शुक्रवार/ शनिवार की दरमियानी रात को घर में विस्फोट हुआ था, जिससे घर की एक दीवार ढह गई थी और एक कमरे में आग लग गई थी।
बलरामपुर जिला प्रशासन ने पत्रकार की पत्नी को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है। विधायक पलटूराम द्वारा मृतक के परिवार को चेक सौंपा गया था।
इस बीच, बलरामपुर चीनी मिल के प्रबंधन ने जिला प्रशासन को आश्वासन दिया है कि वे मृतक की पत्नी विभा सिंह को रोजगार प्रदान करेगा।
प्रशासन ने पत्रकार की बेटियों के लिए मुफ्त शिक्षा का भी वादा किया है।
इससे पहले, पत्रकार की पत्नी ने धमकी दी थी कि अगर पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ती है तो वह खुद को आग के हवाले कर देंगी। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।