विधानसभा चुनाव से पहले ‘बिहार यात्रा’ पर निकलेंगे उपेंद्र कुशवाहा

राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा भी अगले साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा कर NDA को मजबूत करने का काम करेंगे।

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 ‘Bihar Yatra’: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां अपना आधार मजबूत करने के लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम कर रही हैं और सदस्यता अभियान चल रही हैं।

राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा भी अगले साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा कर NDA को मजबूत करने का काम करेंगे।

उन्होंने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “विधानसभा चुनाव नजदीक है। इसे लेकर अन्य पार्टियों की तरह मेरी पार्टी भी सदस्यता अभियान चला रही है। 25 सितंबर से हम बिहार यात्रा करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत अमर शहीद जगदेव बाबू की पावन धरती कुर्था से होगी।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बिहार यात्रा के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए में शामिल सभी दलों के स्थानीय कार्यकर्ता साथियों के साथ बैठक करेंगे। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सदस्यता अभियान की जिला स्तरीय समीक्षा बैठकें की जाएंगी।”

उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान “गरीबों, शोषितों, वंचितों, दलितों, महादलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, पिछड़ों और महिलाओं को न्याय दिलाने में बाधक कॉलेजियम व्यवस्था को समाप्त करने के बारे में भी चर्चा होगी”।

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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 25 सितंबर से यात्रा शुरू होगी। पहले दिन अरवल और औरंगाबाद तक यात्रा होगी। अगले दिन 26 सितंबर को औरंगाबाद और रोहतास के बीच यात्रा होगी। वह 27 सितंबर को रोहतास और भोजपुर तथा 29 सितंबर को सारण जाएंगे। इसके बाद के कार्यक्रम आगे तय किए जाएंगे।

सांसद ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही इस यात्रा के दौरान जिलों के “साथियों” के साथ चर्चा की जाएगी, NDA के दूसरे घटक दलों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। किन मुद्दों पर पार्टी काम करने वाली है, इस पर भी विमर्श किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “इस दौरान सदस्यता अभियान की समीक्षा भी की जाएगी। जिला स्तर पर यदि कोई कार्यक्रम होगा तो उसमें भी भाग लेंगे। एजेंडा के रूप में हमारी पार्टी फिर से बनी है तो हमारा एजेंडा चलता रहता है। सदन के अंदर रहें या बाहर – एजेंडे में परिवर्तन नहीं किया है। उन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे – जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, किसान को उनके फसलों के बदले लाभकारी मूल्य।”

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