Urinary Tract Infection: नमी वाला मौसम यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की आम समस्या लेकर आता है, खासकर महिलाओं में। मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया के कारण होने वाला यह इंफेक्शन जलन, दर्द और खुजली का कारण बनता है। यूरिन को रोकना, गलत खान-पान और साफ-सफाई की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। एंटीबायोटिक्स से इलाज के साथ-साथ कुछ देसी नुस्खे और सावधानियां इसे दूर करने में मददगार हैं।
यूरिन को न रोकें
कई महिलाएं व्यस्तता के चलते घंटों यूरिन रोकती हैं, जिससे UTI का खतरा बढ़ता है। इससे किडनी और ब्लैडर तक इंफेक्शन फैल सकता है। दर्द से बचने के लिए यूरिन रोकना भी गलत है, क्योंकि इससे बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाते और समस्या गंभीर हो सकती है। समय पर इलाज जरूरी है।
ज्यादा पानी पीएं
दिन में 10 गिलास पानी पीना जरूरी है। नारियल पानी और फ्रेश जूस जैसे तरल पदार्थ भी लें। इससे बार-बार यूरिन होगा और बैक्टीरिया बाहर निकल जाएंगे।
क्रैनबेरी जूस पीने का फायदा
क्रैनबेरी जूस UTI के लक्षणों को कम करने में कारगर है। अध्ययनों के अनुसार, यह बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवार से चिपकने से रोकता है, जिससे इंफेक्शन घटता है।
साफ-सफाई का ख्याल
प्राइवेट पार्ट की सफाई जरूरी है। यूरिन के बाद क्षेत्र को अच्छे से साफ करें और सुखाएं। शौच के बाद आगे से पीछे की ओर सफाई करें ताकि बैक्टीरिया न फैलें।
कॉटन अंडरवियर और सिकाई
सूती अंडरवियर पहनें और उन्हें धूप में सुखाएं ताकि नमी और बैक्टीरिया न पनपें। पेट दर्द में हल्के गर्म पानी से सिकाई करें, इससे राहत मिलेगी।
इनसे बचें
- कैफीन, मसालेदार और तला हुआ खाना मूत्राशय की जलन बढ़ा सकता है।
- यौन संबंधों के बाद पेशाब करें ताकि बैक्टीरिया निकल जाएं।
- टाइट कपड़े न पहनें, ढीले कपड़ों से नमी कम होगी।
- UTI को हल्के में न लें। डॉक्टर से सलाह और सही देखभाल से इसे आसानी से काबू में किया जा सकता है।