नई दिल्ली: अमेरिकी वायुसेना का विमान सी-5 गैलेक्सी शुक्रवार को सुबह कोविड राहत सामग्री लेकर दिल्ली पहुंचा।
अमेरिका ने गुरुवार को भी दुनिया के सबसे बड़े दो सैन्य विमानों से कोविड राहत सामग्री भेजी थी। अमेरिका से अगले सप्ताह ऐसी और उड़ानें आने की उम्मीद है।
इसके अलावा भारत को जापान, बैंकॉक, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड और सिंगापुर से ऑक्सीजन टैंक मिल रहे हैं।
कोविड-19 की इस लड़ाई में करीब 40 देशों ने भारत का समर्थन करने के साथ सहायता देने के लिए पेशकश की है।
अमेरिका ने भारत को 100 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की राहत सामग्री भेजी है। अमेरिका ने भारत को आपातकालीन कोविड-19 राहत भेजने के लिए कई जहाज तैनात किये हैं।
अमेरिकी वायुसेना का विमान सी-5 गैलेक्सी शुक्रवार को सुबह कोविड राहत सामग्री लेकर दिल्ली पहुंचा।
अमेरिकी सरकार की इस सहायता उड़ान में ऑक्सीजन समर्थन, ऑक्सीजन एकाग्रता, ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां, पीपीई, वैक्सीन-विनिर्माण आपूर्ति, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट, चिकित्सीय और सार्वजनिक स्वास्थ्य सहायता सामग्री शामिल है। अगले सप्ताह में ऐसी और उड़ानें सहायता सामग्री के साथ भारत आने की उम्मीद है।
गुरुवार को भी दुनिया के सबसे बड़े दो सैन्य विमान अमेरिकी ट्रैविस एयर फोर्स बेस से उड़ान भरकर नई दिल्ली पहुंचे थे। इस शिपमेंट में अमेरिका ने 440 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर भेजे थे।
इसके अलावा अमेरिका 960,000 रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट और 100,000 एन-95 मास्क भेजेगा ताकि कोविड का समुदायिक प्रसार रोकने में मदद करने के लिए संक्रमणों की पहचान जल्दी हो सके।
अमेरिका ने महामारी की शुरुआत के बाद से 23 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है, जो लगभग 10 मिलियन भारतीयों तक सीधे पहुंचती है।
अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी (यूएसएआईडी) तेज़ी से 1,000 मेडिकल ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की खरीद कर रहा है जिनका उपयोग 320 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में किया जाएगा।
इसके अलावा कोविड-19 की प्रयोगात्मक दवा रेमेडिसविर की 20,000 खुराक की पहली खेप इस सप्ताह भारत पहुंचने की उम्मीद है।
संयुक्त अमीरात अरब (यूएई) से भारत में 157 वेंटिलेटर, 480 बाइलवेल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (बीपीएपी) और अन्य चिकित्सा सामग्री लेकर एक विशेष कार्गो विमान 29 अप्रैल को दिल्ली में उतरा।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 25 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाक़ात की थी जिसमें उन्होंने कोविड-19 की स्थिति पर भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।
कोविड-19 के मौजूदा हालातों पर भारत के साथ एकजुटता का संदेश देने के लिए यूएई ने 25 अप्रैल को अपनी प्रतिष्ठित इमारतों को तिरंगे से रोशन किया था।
भारत को जापान, बैंकॉक, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड और सिंगापुर से ऑक्सीजन टैंक मिल रहे हैं। भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी ने कहा है कि जरूरत के इस समय में जापान भारत के साथ खड़ा है।
हमने फैसला किया है कि हम 300 ऑक्सीजन जेनरेटर और 300 वेंटिलेटर देने के साथ इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
यूरोपीय संघ में भारत के साथी रोमानिया ने 80 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 75 ऑक्सीजन सिलेंडर और आयरलैंड ने 700 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और 365 वेंटिलेटर भेजे हैं।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दोनों देशों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है।
कोविड-19 की इस लड़ाई में करीब 40 देशों ने भारत का समर्थन करने के साथ सहायता देने के लिए पेशकश की है।
भारत ने भी इन देशों को पहले आवश्यक दवाओं हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल और रेमेडिसविर उत्पादों की आपूर्ति की थी।
वायुसेना भी लड़ रही है ‘कोविड वार’
वायुसेना के सी-17 ने 26 अप्रैल से अब तक तीन उड़ानों में दुबई एयरपोर्ट से 18 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर एयरलिफ्ट करके पानागढ़ एयर बेस पर पहुंचाए हैं।
वायुसेना के सी-17 विमानों ने 28 अप्रैल को विदेशों से 16 उड़ानें भरीं और 460 मीट्रिक टन के 27 ऑक्सिजन कंटेनर एयरलिफ्ट किये जबकि देश के भीतर 116 उड़ानों में 1,465 मीट्रिक टन के 70 कंटेनर इधर से उधर पहुंचाए।
बोकारो, दुर्गापुर और जामनगर में रिचार्जिंग के लिए ऑक्सीजन कंटेनरों का एयरलिफ्ट 28 अप्रैल को लगातार 7वें दिन भी जारी रहा।
सी-17 ने बैंकाक से 3 ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट करने के साथ ही रांची, सूरत, जामनगर और पानागढ़ के लिए उड़ान भरी।
सिंगापुर वायु सेना के दो सी-130 विमान ऑक्सीजन सिलेंडर के एक बैच के साथ पानागढ़ एयर बेस पर पहुंचे।