लखनऊ: बसपा सरकार के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने मंगलवार को जेल भेज दिया।
कोर्ट ने सोमवार को दोनों की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे और पूर्व में भगोड़ा घोषित किया था।
एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने मंगलवार को दोनों आरोपियों की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। नसीमुद्दीन वर्तमान में कांग्रेस के नेता है।
नसीमुद्दीन व राजभर ने आत्मसमर्पण के साथ संपत्ति कुर्की के आदेश को वापस लेने की अजी दी थी।
इस पर कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में लेने केबाद कुर्की आदेश वापस ले लिया।
तब आरोपियों ने नियमित के साथ अंतरिम जमानत की अर्जी दी। कोर्ट ने अंतरिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट में लगातार हाजिर न होने के कारण दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ फरार घोषित कर कुर्की का आदेश जारी किया गया है।
प्रदेश सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनके परिवार की महिलाओं पर अभद्र और अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में कोर्ट से भगोड़ा घोषित बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को कोर्ट ने जेल भेज दिया।
आरोपियों ने कोर्ट को गुमराह करने की नीयत से बिना जमानत कराए हाजिरी माफी की अर्जी दी है।
उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी पहले खारिज की जा चुकी है। ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।
तब सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव की अर्जी पर नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 20 जनवरी की तारीख तय की।
गौरतलब है कि पत्रावली के अनुसार, मंत्री स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 21 जुलाई, 2016 को हजरतगंज में केस दर्ज कराया था।
इसमें कहा गया था कि 20 जुलाई को राज्यसभा में बसपा अध्यक्ष मायावती ने उनकी बेटी, बहू व नातिन को अपशब्द कहे।
अगले दिन नसीमुद्दीन, राजभर व मेवालाल ने लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान मायावती के कहने पर उनके पुत्र व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां व बहन को अपशब्द कहे।
पुलिस ने विवेचना के बाद पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था। हजरतगंज के दरोगा शिवा साकेत सोनकर ने भी एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मंगलवार को दोनों आरोपित न्यायालय में हाजिर हुए और जमानत अर्जी दाखिल की। इसपर न्यायालय ने दोनों को वहीं से न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं को अशोभनीय शब्द बोलने के मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर आरोपित हैं। लंबे समय से दोनों न्यायालय में हाजिर नहीं हो रहे थे।
संपत्ति को कुर्क होने से बचाने के लिए एमपी एमएलए के विशेष कोर्ट में दोनों आरोपितों ने मंगलवार को आत्मसमर्पण किया था। दोनों की ओर से उन्हें जमानत पर रिहा करने की अर्जी दी गई।
इस अर्जी पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करने और दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर के अलावा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतरह सिंह राव और नौशाद अली के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली ने एफआइआर दर्ज कराई थी।
12 जनवरी 2018 को पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
22 जुलाई 2016 को दर्ज कराई गई एफआइआर में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया गया था।
आरोप है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी व रामअचल राजभर समेत अन्य की अगुवाई में हजरतगंज चैराहा स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरना दिया था।
इस दौरान दयाशंकर सिंह की मां, बेटी व परिवार की अन्य महिलाओं के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया था।