Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड में एक सुरंगे धंसने (Uttarakhand Tunnel Collapse) के बाद उसमें फंसे 40 मजदूरों को बाहर लाने लगातार बचाव कार्य (Rescue Operations) चल रहा है। घटना को पांच दिन हो गए लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
अब थाईलैंड के विशेषज्ञों की मदद लेने की तैयारी हो गई है। साथ ही 900 mm व्यास का पाइप भी डाला जा रहा है। अब इस बचाव अभियान (Rescue Operation) में थाईलैंड और नॉर्वे के उन विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है, जिन्होंने वर्ष 2018 में एक गुफा में फंसे बच्चों को बचाने में मदद की थी।
बता दें कि यह घटना रविवार की सुबह उत्तरकाशी में चार धाम मार्ग पर घटी थी और 4 दिन बीत जाने के बाद भी इन मजदूरों को सुरंग से निकाला नहीं जा सका है।
एक विशेष मशीन, जिसे दिल्ली से साइट पर लाया गया है, एक घंटे में 4-5 मीटर मलबे में घुस सकती है और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 10-12 घंटों में बचाव पाइप को उस स्थान पर पहुंचाने में मदद मिलेगी जहां मजदूर फंसे हुए हैं।
पाइप का व्यास 900 मिमी है, जो पुरुषों के लिए निकालने के लिए पर्याप्त होगा। बचाव में शामिल टीमों ने थाईलैंड की एक कंपनी से संपर्क किया है, जिसने 2018 में उत्तरी थाईलैंड के चियांग राय प्रांत में एक गुफा प्रणाली, थाम लुआंग नांग नॉन में फंसी एक जूनियर एसोसिएशन फुटबॉल टीम (Junior Association Football Team) को बचाने में मदद की थी।
अधिकारियों ने कहा…
हालांकि उस बचाव प्रयास में एक सप्ताह से अधिक समय लगा था और इसमें 10,000 से अधिक लोग शामिल थे। अधिकारियों ने कहा कि कंपनी की विशेषज्ञता अमूल्य होगी।
हालांकि सुरंग के अंदर ऑपरेशन कैसे किया जाए, इस पर सुझाव के लिए नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट (Norwegian Geotechnical Institute) से भी मदद ली जा रही है।
ऐसे सुझाव भारतीय रेलवे और उससे संबद्ध निकायों जैसे रेल विकास निगम लिमिटेड, रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस और इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (Railway Construction International Limited) के विशेषज्ञों से भी लिए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास (National Highways and Infrastructure Development) के निदेशक, अंशू मनीष खलखो ने कहा कि भले ही यह मशीन काम न करे, उनके पास एक बैकअप प्लान है और बचाव योजना पर समय सीमा निर्धारित करना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि हम सभी मजदूरों के परिवारों की तरह ही चिंतित हैं, सुरंग में फंसे सभी मजदूर ठीक हैं और उन्हें भोजन भी बराबर मिल रहा है।