Vacancy in IT Companies : जब भी कोई नौकरी (Job) लेने जाता है तो सबसे बड़ी समस्या जो आती है वो है फ्रेशर्स (Freshers) का टैग।
इससे हर आदमी मुक्त होना चाहता है। बता दें कि इस बार हर फ्रेशर्स के लिए खुशखबरी है। Team Lease EdTech Platform ने सर्वे किया था जिसमे पता चला की प्रमुख भारतीय IT कंपनियां जुलाई-दिसंबर 2023 के बीच देश भर में आईटी और नॉन-आईटी (IT and Non-IT) दोनों सेक्टर्स लगभग 50,000 फ्रेशर्स को नौकरी देने की तैयारी कर रही है।
किन लोगों को मिलेगी नौकरी
टीमलीज की रिपोर्ट (Teamlease Report) के अनुसार, कंपनियां भी तेजी से एक नए टैलेंट एक्विजिशन स्ट्रैटिजी (New Talent Acquisition strategy) के रूप में डिग्री अप्रेंटिसशिप की ओर रुख कर रही हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, अप्रेंटिस को नियुक्त (Hire a Handyman) करने के इच्छुक Employers की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
उदाहरण के लिए, 2023 में, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री (Manufacturing Industry) ने 12 अप्रेंटिस को रखा और 12 फीसदी का इजाफा देखने को मिला।
इसके बाद इंजीनियरिंग नंबर था 10 फीसदी का इजाफा हुआ। पॉवर और एनर्जी सेक्टर (Power and Energy Sector) ने भी अप्रेंटिस को रखने में 7 फीसदी की तेजी दिखाई।
किन सेक्टर्स में नौकरी के आसार
IT सेक्टर (IT sector) के अलावा अगले छह महीनों में मैन्युफैक्चरिंग, ई-कॉमर्स, टेलीकॉम, फार्मास्यूटिकल्स आदि जैसे दूसरे कई सेक्टर्स में विभिन्न नौकरियों के लिए नियुक्तियों में वृद्धि देखी जा सकती है।
टीमलीज प्लेटफ़ॉर्म ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां भारत भर में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट (Electronics Manufacturing Plant) स्थापित करने में 1,200 मिलियन डॉलर से अधिक का पर्याप्त निवेश कर रही हैं।
इस पहल से विभिन्न क्षेत्रों में 20,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 5G की तेजी आने से भारत के Telecom Market में बड़ी कंपनियों में नए लोगों के लिए 1,000 से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा होने की संभावना है।
टीमलीज़ रिपोर्ट के अनुसार…
इसके अलावा, टीमलीज़ रिपोर्ट (Teamlease Report) के अनुमान के अनुसार, भारतीय कंसलटेंट फर्मों को चालू छमाही के दौरान बिजनेस ऑपरेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड टेक्नोलॉजी, डेटा साइंस आदि जैसी टेक्नोलॉजीज में 5,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त करने की उम्मीद है।
टियर-2 और टियर-3 (Tier-2 and Tier-3) शहरों में नियुक्तियों में वृद्धि के बारे में बोलते हुए, रूज ने कहा कि ऑनलाइन लर्निंग, रिमोट लर्निंग, वर्चुअल लर्निंग की कांसेप्ट ने स्किल को Advance करने में मदद की है। मेट्रो और छोटे शहरों के बीच का अंतर अब धुंधला होने लगा है।