Why did Harish and Sanchita take such a big step?: वाराणसी (Varanasi) के अटलनगर कॉलोनी स्थित होम स्टे नामक गेस्ट हाउस में रूम नंबर 202 में पटना के निवासी 28 वर्षीय हरीश बगेश ने शनिवार रात फांसी लगाकर जान दे दी।
उसकी मौत की खबर पाते ही गोरखपुर (Gorakhpur) के सिविल लाइंस पार्क रोड में उसकी पत्नी 28 वर्षीय संचिता शरण श्रीवास्तव ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। संचिता मुंबई में मॉडलिंग करती थी। हरीश और संचिता ने दो साल पहले प्रेम विवाह किया था।
हरीश ने जम्मू से MBA की पढ़ाई की थी। इसके बाद M में एक प्राइवेट बैंक में कार्यरत था, वहीं पत्नी संचिता के साथ रह रहा था।
पत्नी की तबीयत खराब होने पर हरीश नौकरी छोड़कर पत्नी के साथ अपनी ससुराल गोरखपुर के सिविल लाइंस पार्क रोड आ गया।
हरीश के ससुर डॉ. रामशरण श्रीवास्तव गोरखपुर के प्रख्यात मनोचिकित्सक हैं। हरीश तीन माह से ससुराल में ही था। इस दौरान काम न होने के कारण अवसाद में चला गया।
बीती पांच जुलाई को उसने मवइयां (सारनाथ) की अटल नगर कॉलोनी में होम स्टे में कमरा बुक किया था। कमरा रविवार सुबह 9 बजे तक के लिए बुक था। रविवार देर तक कमरा नहीं खुला तो गेस्ट हउस के कर्मचारियों ने दरवाजा पीटा। कोई आवाज नहीं आने पर सारनाथ पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने धक्का दिया तो सिटकिनी टूट गई। हरीश फंदे से लटका दिखाई दिया। उसी दौरान पत्नी संचिता के वाराणसी में रिश्तेदार हरीश को ढूंढ़ते हुए पहुंचे। उन्होंने पूरा वाकया संचिता के परिजनों को बताया।
कमरे से Forensic Teamने मादक पदार्थ (गांजा), सिगरेट, लाइटर, मोबाइल और पर्स, फांसी में इस्तेमाल नई रस्सी का टुकड़ा बरामद किया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि नौकरी छूटने के बाद से अवसाद में चला गया था।
वहीं हरीश के पिता रामस्वामी मालवीय ने फोन पर बातचीत में आरोप लगाया कि संचिता और उसके पिता बेटे को परेशान करते थे। उनके व्यवहार से बेटा खिन्न हो गया था।