पेइचिंग: कोरोना वायरस इन्फेक्शन के सबसे पहले केस चीन में पाए गए थे। करीब डेढ़ साल बाद भारत में पाया जाने वाला वेरियंट दक्षिण चीन के गुआंगझू में मिला है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली बार वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पाए जाने के बाद शहर में लोगों से घर पर ही रहने के लिए कहा गया है।
गुआंगझू में गुरुवार को 6 नए मामले और एक बिना लक्षणों का मामला पाया गया। इसका साथ की कुल संख्या 64 हो गई।
यहां एक डॉक्टर चाई वेईपिंग ने बताया कि हाल में पाए गए मामले पहली बार भारत में पाए गए वेरियंट के हैं।
इनका इन्क्यूबेशन पीरियड कम है और वायरल लोड ज्यादा। ये तेजी से फैल सकते हैं। भारत में पाए जा चुके म्यूटेट हो चुके वायरस कम्यूनिटी ट्रांसमिशन चीन में पहली बार पाया गया है।
वहीं वुहान यूनिवर्सिटी के एक वायरॉलजिस्ट यान्ग जानकी ने अखबार को बताया है कि इस बार वायरस उतनी तेजी से नहीं फैल रहा जितनी तेजी से पिछले जून में पेइचिंग के शिनफदी बाजार में फैला था।
तब वेरियंट यूरोप से आया था। तब दो हफ्ते में 269 मामले सामने आए थे और इस बार 77 केस मिले हैं।
अखबार ने भारत को सलाह दी है कि वायरस को तेजी से फैलने से रोकने के लिए गुआंगझू जैसे कड़े कदम उठाने चाहिए।
aगौरतलब है कि अमेरिका और यूरोप में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का सच जानने के लिए इसके वुहान की वायरॉलजी लैब से फैलने की थिअरी की जांच की मांग की जा रही है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि एक बंद पड़ी खदान की सफाई के दौरान बीमार हुए मजदूरों के सैंपल वुहान लैब भेजे गए थे।
चीन पर आरोप है कि उसने अपने यहां वायरस फैलने और इसके घातक होने की जानकारी दुनिया को देर से दी।