Varun Gandhi rejected offer to Contest Elections from Rae Bareli: UP के अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।
वहीं BJP इन राहुल और प्रियंका को कैसे मात दिया जाए इसकी योजना बनाने में जुटी गई है। BJPने अपने पहली ही लिस्ट में अमेठी से स्मृति इरानी को मैदान में उतार दिया है, लेकिन रायबरेली में उसकी तलाश अब भी जारी है।
वहीं सूत्रों से पता चला है कि पीलीभीत से सांसद Varun Gandhi को रायबरेली से अपने ही बांधी परिवार के खिलाफ दो-दो हाथ करने का ऑफर मिला लेकिन वरुण ने इसे तुरंत ठुकरा दिया।
यह भी कहा जा रहा है कि वरुण गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपनी इचछा जाहिर नहीं की और BJPके आला नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है।
लड़ाई नीतियों के बीच होनी चाहिए, व्यक्तित्व के बीच नहीं
सूत्रों के अनुसार कहा जाता है कि रायबरेली से वरुण गांधी को चुनाव में उतारे जाने को लेकर हुए मंथन के पीछे BJP के आंतरिक सर्वे से निकले संकेतों की अहम भूमिका रही।
सर्वे में BJPने प्रियंका के सामने उत्तरप्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री से लेकर वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व CM उमा भारती समेत करीब आधे दर्जन से ज्यादा चेहरों को लेकर रायशुमारी की है।
बताया जाता है कि इस पूरी कवायद में वरुण गांधी का नाम उभरकर सामने आया, जो BJP की ओर से प्रियंका को टक्कर दे सकते हैं। सर्वे के बाद BJPके आला नेताओं ने यह पहल की।
वरुण गांधी के करीबी सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों BJPके टॉप Leadership की ओर से वरुण गांधी को रायबरेली से लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। वरुण ने सोचने का समय मांगा और काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, रायबरेली से Priyanka Gandhi के खिलाफ चुनाव न लड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि वरुण गांधी परिवार में टकराव नहीं चाहते हैं।
उनका मानना है कि इस मुकाबले का लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा। दरअसल, वरुण गांधी के अपनी बहन Priyanka Gandhi से रिश्ते भी मधुर हैं। उनकी यह भी नीति है कि लड़ाई नीतियों के बीच होनी चाहिए, व्यक्तित्व के बीच नहीं।