नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान तेजी से कारोबार विस्तार करने वाले शिक्षा क्षेत्र के स्टार्टअप का अभी बुरा दौर चल रहा है और कई एडुटेक कंपनियों को इसके कारण भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ रही है।
कर्मचारियों की छंटनी करने वाले स्टार्टअप में अब नया नाम वेदांतु का जुड़ गया है, जो करीब 200 कर्मचारियों को निकाल रहा है।
वेदांतु ने आईएएनएस को गुरुवार को बताया कि उसके छह हजार से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से संविदा पर काम कर रहे 120 कर्मचारियों और 80 फुल टाइम शिक्षक या सहायक शिक्षकों का दोबारा मूल्यांकन किया जा रहा है।
वेदांतु का कहना है कि वह इनके साथ हर साल शैक्षणिक सत्र की शुरूआत में ही करार करता है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वेदांतु अलग- अलग टीम में एक हजार से अधिक कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है। अभी 10 लाख से अधिक छात्र वेदांतु की लाइव क्लास लेते हैं।
इससे पहले अनएकेडमी ने भी करीब 600 कर्मचारियों की छंटनी की थी और स्टार्टअप लीडो को तो अपना शटर ही बंद करना पड़ा। रोनी स्क्रूवाला का यह स्टार्टअप फरवरी में ही बंद हो गया और इसके एक हजार कर्मचारियों को अचानक दूसरी जगह नौकरी तलाशने के लिये मजबूर होना पड़ा।
इसी तरह कोडिंग प्लेटफॉर्म व्हाइट हैट जूनियर भी अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है। इसका अधिग्रहण बायजु ने जुलाई 2020 में 30 करोड़ डॉलर में किया है।
बायजु को सर्वाधिक नुकसान इसी प्लेटफॉर्म के कारण उठाना पड़ रहा है। गत वित्त वर्ष व्हाइट हैट जूनियर को 1,690 करोड़ रुपये का भारी घाटा उठाना पड़ा था।
सूत्रों ने बीते माह आईएएनएस को बताया था कि व्हाइट हैट जूनियर ने अपने पांच हजार कर्मचारियों में से करीब तीन हजार कर्मचारियों को 18 अप्रैल से मुम्बई या गुरुग्राम रिपोर्ट करने के लिये कहा था। इस आदेश के कारण अधिकतर कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी।