Manipur Violence : लंबे समय से मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) का दौर जारी है। जातीय हिंसा प्रभावित इस राज्य में शनिवार को दो अलग-अलग घटनाओं में बिहार के दो किशोरों सहित तीन की मौत हो गई।
घटना काकचिंग जिले की है। दोनों प्रवासी मजदूरों की हत्या करने वालों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने बताया कि घटना शनिवार की शाम करीब 5.20 बजे की है।
कंस्ट्रक्शन का काम कर रहे थे दोनों मजदूर
दोनों मजदूर काकचिंग जिले के केइराक में कंस्ट्रक्शन का काम करते थे। वे काम करके लौट रहे थे, ठीक उसी वक्त उनपर हमला किया गया।
पुलिस ने बताया है कि घटना पंचायत कार्यालय के पास की है। मृतकों की पहचान 18 साल के सुनालाल कुमार और 17 साल के दशरथ कुमार (Dashrath Kumar) के रूप में हुई है। दोनों गोपालगंज जिले के राजवाही गांव के रहने वाले थे।
मजदूरों को मारी गई गोली
यह घटना काकचिंग-वाबागई रोड पर उस समय हुई जब पीड़ित साइकिल पर सवार होकर काकचिंग बाजार स्थित अपने किराए के घर लौट रहे थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, पुलिस ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मुठभेड़ में एक हथियारबंद शख्स मारा गया
एक अन्य घटना शनिवार की सुबह के समय मणिपुर की राजधानी इंफाल घाटी के थौबल जिले में हुई। यहां पुलिस कमांडो के साथ मुठभेड़ (Encounter) के बाद एक हथियारबंद शख्स मारा गया।
वहीं छह अन्य को पकड़ लिया गया। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद सात लोगों को पकड़ा गया। उनमें से एक घायल पाया गया, जिसने बाद में एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मणिपुर में आखिर क्यों भड़की थी हिंसा?
अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग मणिपुर में लंबे समय से मैतेई समुदाय द्वारा की जा रही थी। इसके बाद 14 अप्रैल, 2023 को हाईकोर्ट ने राज्य की N Biren Singh सरकार से मांग पर कार्रवाई करने को कहा।
3 मई, 2023 को मैतेई की आरक्षण वाली मांग और कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध मार्च किया गया। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला, जिसके बाद जगह-जगह हिंसा भड़कने लगी। यह हिंसा रुक-रुक कर भड़कती रहती है।