Pahalgam attack: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरधना क्षेत्र के मोहल्ला घोसियान निवासी पीरुद्दीन की पुत्री सना, जिनकी शादी पाकिस्तान में हुई है, अपने दो बच्चों के साथ एक सप्ताह पहले भारत आई थीं।
सना को भारत में 45 दिन का वीजा मिला था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए।
सरकार के इस फरमान के बाद मेरठ प्रशासन ने सना से संपर्क किया और उनका वीजा रद्द करते हुए उन्हें पाकिस्तान लौटने का निर्देश दिया।
शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को मेरठ पुलिस की एक खुफिया टीम सना और उनके दो बच्चों को लेकर वाघा बॉर्डर के लिए रवाना हुई। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, वाघा बॉर्डर बंद होने के कारण सना और उनके बच्चों को पाकिस्तान में प्रवेश नहीं मिल सका।
वर्तमान में सना और उनके बच्चे अमृतसर में रुके हुए हैं। मेरठ प्रशासन और उच्च अधिकारी सना को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन बॉर्डर बंद होने से यह प्रक्रिया जटिल हो गई है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिनमें सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, वाघा-अटारी बॉर्डर बंद करना, और सिंधु जल समझौते को निलंबित करना शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, जबकि मेडिकल वीजा 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे।
मेरठ पुलिस ने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए सना से संपर्क किया और उन्हें बॉर्डर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।
हालांकि, पाकिस्तान द्वारा भी वाघा बॉर्डर बंद करने और SAARC वीजा छूट योजना को रद्द करने के जवाबी कदमों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।