बिहार में कई दिग्गजों को मतदाताओं ने नकार दिया

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पटना: कोरोना काल में हुए विधानसभा चुनाव में कई दिग्गजों को हार का भी सामना करना पड़ा। इस चुनाव ने कई मंत्रियों को भी मतदाताओं ने विधानसभा पहुंचने से रोक दिया।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के विश्वासपात्र अब्दुल बारी सिद्दिकी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी को दरभंगा के केवटी से भाजपा के प्रत्याशी मुरारी मोहन झा ने हरा दिया।

राजद के वरिष्ठ नेता सिद्दिकी पिछला चुनाव अलीनगर से जीते थे, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने सीट बदलकर केवटी का रूख किया था।

दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी यादव को भी हार का मुंह देखना पडा। सुभाषिनी यादव कांग्रेस के टिकट पर बिहारीगंज से पहली बार चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

इसके अलावा, गया के इमामगंज से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नाारायण चौधरी को एकबार फिर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पटखनी दे दी है। इस चुनाव में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा जहानाबाद से हार गए, वहीं मुजफ्फरपुर से नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, दिनारा से मंत्री जय कुमार सिंह, हथुआ से रामसेवक सिंह को भी हार का मुंह देखना पडा।

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विकासशील इंसान पार्टी भले ही इस चुनाव में चार सीटें जीती हो लेकिन पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी सिमरी बख्तियारपुर से जीत नहीं सके। अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा भी बांकीपुर क्षेत्र से चुनाव नहीं जीत सके। इसके अलावा लालू प्रसाद के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव हयाघाट से चुनाव हार गए जबकि जनअधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव का विधानसभा पहुंचने का सपना भी टूट गया।

पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद को भी हार का मुंह देखना पड़ा। लवली आनंद इस चुनाव में राजद के टिकट पर सहरसा से चुनाव लड़ी थी।

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