बीजिंग: चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) ने बाली में आयोजित G20 विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान यूक्रेन मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Indian External Affairs Minister S Jaishankar) के साथ विचार-विमर्श किया। वांग यी ने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को लेकर चीन की तीन चिंताओं का ब्यौरा किया।
पहला, चीन मौके पर शीत युद्ध की मानसिकता को भड़काने, शिविर के टकराव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने और नया शीत युद्ध बनाने का विरोध करता है।
जटिल और गंभीर चुनौतियों के सामने दुनिया विभाजन के बजाय एकता को महत्व देती है। और टकराव की बजाय संवाद की जरूरत है। चीन शांति व वार्ता को बढ़ाने के पक्ष में मजबूती से खड़ा रहेगा।
दूसरा, चीन दोहरे मानकों और चीन की संप्रभुता व प्रादेशिक अखंडता को नुकसान पहुंचाने का विरोध करता है। कुछ देश यूक्रेन मुद्दे पर संप्रभुता के सिद्धांत पर जोर देते हैं, लेकिन वे थाइवान मुद्दे पर चीन की संप्रभुता और एक-चीन सिद्धांत को चुनौती देना जारी रखते हैं, और यहां तक कि जानबूझकर थाइवान जलडमरूमध्य (Thaiwan Strait) में तनाव पैदा करते हैं।
निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण तैयार करने का करना चाहिए प्रयास
यह स्पष्ट रूप से एक खुला दोहरा मानक है। चीन यूक्रेन के संकट को थाइवान मुद्दे से जोड़ने की किसी भी कुचेष्टा को खारिज करता है और अपने मूल हितों की मजबूती से रक्षा करेगा।
तीसरा, चीन अन्य देशों के वैध विकास अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचाने का विरोध करता है। कुछ देश यूक्रेन के संकट के बहाने से चीन और अन्य देशों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाते हैं, जो न तो उचित है और न ही कानूनी।
वह देशों के बीच सामान्य आदान-प्रदान को बाधित करता है, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International trade) के सामान्य नियमों का उल्लंघन करता है, और यूक्रेन के संकट को बढ़ाता है।
सभी पक्षों को संयुक्त रूप से इसका विरोध करना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक खुला, निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण तैयार करने का प्रयास करना चाहिए।