वाशिंगटन: अमेरिका अफगान महिलाओं, लड़कियों और मानवाधिकारों का समर्थन करने के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, विशेष दूत रीना अमीरी और वरिष्ठ सलाहकार स्टेफनी फोस्टर के पास विभाग के लिए दशकों से सार्वजनिक नीति, कूटनीतिक और वकालत का अनुभव हैं।
जबकि अमीरी ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत के रूप में काम किया था। वहीं, फोस्टर ने पहले विदेश विभाग के लिए काम किया है।
विज्ञप्ति में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के हवाले से कहा गया है, मैं रीना अमीरी का अफगान महिलाओं, लड़कियों और मानवाधिकारों के लिए विशेष दूत के रूप में विभाग में वापस आने का स्वागत करता हूं।
अमेरिका, शांति निर्माण संगठनों और थिंक टैंक को सलाह देने का उनके पास एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हैं।
ब्लिंकन ने कहा कि अमीरी प्रशासन और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करेंगी।
उन्होंने कहा, हम एक शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान चाहते हैं, जहां सभी अफगान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समावेश में रह सकें और फल-फूल सकें। विशेष दूत अमीरी उस लक्ष्य की दिशा में मेरे साथ मिलकर काम करेंगी।
अफगानिस्तान वर्तमान में गंभीर आर्थिक और मानवीय चुनौतियों के बीच में सामना कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगान महिलाएं और लड़कियां देश में चल रही गरीबी और भूखमरी के लिए विशेष रूप से उच्च कीमत चुका रही हैं।
राजनीतिक परिवर्तन के बाद, काबुल सहित देश के अधिकांश प्रांतों में माध्यमिक बालिका विद्यालय बंद हो गए हैं।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के एक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो महिलाएं सड़क मार्ग से लंबी दूरी की यात्रा तय कर रही हैं, वहां उनके साथ एक पुरुष होना चाहिए और वे हिजाब पहनकर रास्ते में निकलें।
देश में वाहनों में संगीत बजाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दुकानों में रखे महिला के पुतलों के सिर नहीं दिखाने का भी आदेश दिया है, क्योंकि यह इस्लामिक शरिया कानून के खिलाफ है।