Washington Western Equine Encephalitis: ये Virus ना सजीव है और ना निर्जीव, लेकिन सजीव के शरीर में सजीव हो जाता है और सजीव के शरीर के बाहर वह निर्जीव बना रहता है।
इसका प्रभाव सजीव के शरीर पर बड़ा पड़ सकता है। पिछले कुछ सालों में इंसान समझ गया कि वो कितना असहाय है, बेहद छोटा और आंखों को न दिखने वाला वायरस भी उनकी जान ले सकता है। अब शायद लोगों के लिए एक और खौफ की बात सामने आ गई है।
वो ये कि अब इंसानों के शरीर में एक नए तरीके का virus घुस सकता है, जो अब तक सिर्फ घोड़ों के अंदर घुसता था और उनकी जान ले लेता था।
घोड़ों के अंदर पाया जाता है ये वायरस
सालों बाद ये मामला फिर से सामने आया है और इस वजह से आपके लिए ये जान लेना जरूरी है कि इसके लक्षण क्या हैं जिससे आप अपनी जान बचा सकें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से बताया है कि 20 सालों बाद हाल ही में पहली बार इंसान के अंदर वो वायरस मिला है, जो घोड़ों के अंदर पाया जाता है।
Western Equine Encephalitis वायरस मच्छरों से संक्रमित होता है और ये घोड़ों में ही पाया जाता है। पर बेहद दुर्लभ मौकों में ये इंसानों के अंदर भी घुस सकता है। पर 20 दिसंबर 2023 को एक मामले ने दुनिया को तब हिलाकर रख दिया, जब 1996 के बाद ये मामला एक बार फिर सामने आया और एक शख्स के अंदर ये वायरस मिला है।
ये मामला अर्जेंटीना के सैंटा फे में सामने आया है। इस वायरस से होने वाले Encephalitis की वजह से बुखार हो सकता है, दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है, दौरे पड़ सकते हैं और चलने-फिरने में मुश्किल हो सकती है। इसका कोई Antivirus नहीं बना है, मरीजों का आम उपचार ही होता है।
WHO ने इस रिपोर्ट को कंफर्म किया
World Health Organization ने इस रिपोर्ट को कंफर्म भी किया है। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति इससे पीड़ित था, उसके अंदर क्या लक्षण थे। उस शख्स के सिर में भयंकर दर्द हो रहा था, उसे चक्कर आ रहे थे, करीब एक महीने से तेज बुखार आ जा रहा था, मांसपेशियों में काफी दर्द था और स्थितिभ्रान्ति भी हो रहा था। ऐसा उसके साथ 24 नवंबर को सबसे पहले हुआ था।
शख्स को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसे 12 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था क्योंकि उसे सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। करीब 1 महीने बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। WHO के प्रवक्ता ने बताया कि इसके कई लक्षण असिप्टोमैटिक होते हैं। न्यूरोलॉजिकल मैनिफेस्टेशन में मेनिनजाइटिस, Encephalitis या Myelitis शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, इस बीमारी के लक्षण 5 से 15 दिन के बीच आते हैं जिसमें उल्टी, बुखार, सिर दर्द, थकान, कमजोरी और भूख न लगना शामिल है। इस बीमारी से मृत्यु दर फिलहाल 7 फीसदी है।