Water Bottle Price: भारत में सालों से बोतल में बंद पानी (Bottled Water) की डिमांड (Demand) लगातार बढ़ती जा रही है।
अक्सर जब हम घर के बाहर होते हैं तो प्यास लगने पर दुकान से बोतलबंद पानी खरीद लेते हैं। लोग समझते हैं कि यह पानी शुद्ध होता है, लेकिन क्या ऐसा सच में है?
20 रूपए में कितना मुनाफा
आमतौर पर बाजार में 20 रुपये में 1 लीटर पानी मिल जाता है। अब सवाल यह बनता है कि क्या वाकई उस पानी की बोतल (Water Bottle) की कीमत 20 रुपये है और वह उतना शुद्ध (Pure) है जितना हम उसे मानते हैं? यहां हम आपको बताएंगे की जो बोतल (Bottle) आप 20 रुपये में खरीदते हैं, उसकी असली लागत क्या होती है और यह कितना शुद्ध है।
बाजार में कई प्रकार के बोतलबंद या प्रोसेस्ड पानी (Processed Water) मिलते हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. प्यूरिफाइड पानी (Purified Water): यह नल का पानी होता है, जो कई प्रक्रियाओं से शुद्ध किया जाता है। इसमें कार्बन फिल्ट्रेशन (Carbon Filtration) और रिवर्स ऑस्मोसिस (Reverse Osmosis) जैसी तकनीकें शामिल होती हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में अधिकांश मिनरल्स निकल जाते हैं।
2. डिस्टिल्ड पानी (Distilled Water) : इस प्रकार के पानी में भी अधिकांश मिनरल्स (Most Minerals) निकल जाते हैं। यह छोटे उपकरणों में इस्तेमाल के लिए अच्छा माना जाता है।
3. स्प्रिंग वॉटर (Spring Water): किसी भी प्रकार का पानी, चाहे वह ट्रीटेड हो या न हो, स्प्रिंग वॉटर श्रेणी में आता है। नेचुरल रिसोर्स डिफेंस कॉउंसिल (Natural Resources Defense Council) के अनुसार, इसमें मिनरल्स की कमी और कई सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, Purified और Distilled पानी को सुनकर हम यह मान सकते हैं कि ये पानी सबसे स्वास्थ्यवर्धक और शुद्ध होता है, लेकिन ऐसा हमेशा सत्य नहीं होता।
नल के पानी से इतने महंगा बोतलबंद पानी
पानी की बोतल को सुरक्षित मानने की वजह यह है कि इसके लिए हम कीमत चुकाते हैं। बोतलबंद पानी की मांग देश में लगातार बढ़ रही है, लेकिन साथ ही मिलावट भी बढ़ रही है।
हम बोतलबंद पानी के लिए बहुत अधिक कीमत चुका रहे हैं जबकि हमें नल से प्राप्त होने वाला पानी मुफ्त मिल जाता है। विभिन्न पानी के ब्रांड (Brands of water) की कीमतें अलग-अलग होती हैं, हालांकि आमतौर पर देश में एक लीटर बोतलबंद पानी की कीमत लगभग 20 रुपये होती है। यह नल से प्राप्त होने वाले पानी से लगभग 10,000 गुना महंगा होता है।
कितनी होती है एक बोतल की असल लागत
बता दें कि, आधा लीटर बोतलबंद पानी की कीमत, जितना पानी हम खाना पकाने, बर्तन धोने और नहाने में इस्तेमाल करते हैं, उसकी कीमत से बहुत ज्यादा होती है।
इसके पीछे का गणित समझें तो थोक में प्लास्टिक की बोतल (Plastic Bottle) की कीमत 80 पैसे होती है, एक लीटर पानी की कीमत 1।2 रुपये, पानी को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजारने की लागत 3।40 रुपये/बोतल आती है।
इसके अलावा अतिरिक्त व्यय के रूप में 1 रुपये का खर्च आता है। इस प्रकार बोतलबंद पानी (Bottled water) की एक बोतल की कुल लागत 6 रुपये 40 पैसे होती है।
इसका मतलब है कि हम 7 रुपये के लिए 20 या उससे भी अधिक रुपये खर्च कर रहे हैं। इसके बावजूद, क्या हम सुरक्षित हैं और यदि हां, तो कितने सुरक्षित हैं?
भारत में हैं 5000 से अधिक निर्माता कंपनी
पिछले दो तीन दशकों में भारत में बोतलबंद पानी की मांग तेजी से बढ़ी है। अब हर जगह लोग होटलों और यात्राओं में इसे अधिक पी रहे हैं।
पश्चिमी देशों (Western Countries) में बोतलबंद पानी की शुरुआत 19वीं सदी में हुई, हालांकि भारत में यह 70 के दशक में आया और टूरिज्म के साथ-साथ बढ़ता रहा है।
यूरोमॉनिटर के अनुसार, भारत में आजकल 5,000 से अधिक निर्माताओं हैं, जिनके पास ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड लाइसेंस (Bureau of Indian Standard License) है।
सर्वेक्षण में कमजोर…
पर्यावरण पर शोध करने वाली बहुत सारी संस्थाएं मानती हैं कि पानी के महंगे ब्रांड (Brand) को खरीदना पानी की शुद्धता से संबंधित नहीं है। बल्कि, प्लास्टिक की बोतल पानी की शुद्धता से संबंधित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने कुछ साल पहले एक सर्वे के दौरान बताया था कि साल 2014-15 में भारत सरकार ने बोतलबंद पानी पर गुणवत्ता की जांच की थी, और उसमें से आधे से ज्यादा की प्रामाणिकता कमजोर थी।