रांची: झारखंड में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है।
निर्वाचन आयुक्त के रूप में रिटायर्ड मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी को राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति की कैबिनेट में सहमति दी गई है।
ऐसे में खाली पद की वजह से जो समस्या थी, उसके समाधान के साथ-साथ अब कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत चुनाव कराए जाने की दिशा में भी जल्द पहल होगी।
वैकल्पिक व्यवस्था के भरोसे पंचायती राज संस्थाएं
दरअसल 5 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाए विघटित हो गई हैं।
वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इसका संचालन कार्यसमिति गठित कर पंचायती राज शक्तियों को प्रशासकीय समिति के हवाले कर दिया गया है।
इसके तहत मुखिया, पंचायत समिति के प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष के सम्मान को बनाए रखा गया है।
अप्रैल में चुनाव होने के आसार
ग्राम पंचायत और जिला परिषद के स्तर पर समितियों के संचालन की कमान मुखिया, पंचायत समिति के प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष को सौंपी गई है।
समिति का कार्यकाल चुनाव होने तक रहेगा। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति के साथ ही पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि अप्रैल महीने में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त नहीं होने से फंसा था चुनाव
बता दें कि कोरोना संक्रमण काल की वजह से पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाया। साथ ही राज्य निर्वाचन आयुक्त के रिक्त पद भी इसकी बड़ी वजह रही।
इसको लेकर विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर आवाज भी उठाई जाती रही है।
अब राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद को भरे जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पंचायत चुनाव को लेकर कवायद शुरू होगी।