न्यूज़ अरोमा रांची: नए कृषि कानून के विरोध में बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि किसानों के संघर्ष में हम खड़े रहेंगे।
आलम ने कहा उनके दिलों में आला लगाइए तब पता चलेगा कि किसानों के हृदय में कितनी तकलीफ है, लोग पूछते हैं हम अनाज कहा बेचेंगे, इस काले कानून को लाने के पहले क्या केंद्र की सरकार ने राज्यों से विचार विमर्श किया था।
उन्होंने कहा दूर तक बात निकली है तो दूर तलक जाएगी, कृषि का यह काला कानून देश के किसान संगठनों ने नकार दिया है। 70 वर्षों में पहली बार देश का किसान सड़कों पर निकला है। पूरा देश किसानों के साथ है और आज का बन्द देश की जनमानस का बन्द है।
वहीं राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी सड़क पर उतर कर किसानों के समर्थन में सभा को संबोधित किया।
इसके पूर्व पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने राजधानी रांची स्थित कांग्रेस भवन से जुलूस निकालकर पूरे शहर का भ्रमण किया।
इसके बाद अल्बर्ट एक्का चौक पहुंच कर धरना दिया। पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने करीब दो घंटे तक अल्बर्ट एक्का चौक पर केंद्र सरकार के नये कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी की।
किसानों पर मोदी सरकार में हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाने की मांग की गयी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि जब किसान खुद यह कह रहे है कि नया कृषि बिल उनके हितों के विपरीत है, इसके बावजूद तमाम भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों का यह तर्क बेतुका लगता है।
नया कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसान सड़क पर उतरे है।
प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हर हाल में कृषि कानून को केंद्र सरकार को वापस लेना होगा और जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा,आंदोलन जारी रहेगा।
बंद के दौरान कांग्रेस नेता प्रदीप तुलस्यान, रमा खलखो,रश्मि पिंगुवा, निरंजन पासवान, सलीम खान, फिरोज रिजवी मुन्ना, जगदीश साहू,सुषमा हेम्ब्रम,मौसमी मिंज, जगन्नाथ साहू मुख्य रूप से उपस्थित थे।