Death of an elderly American woman: हाइपोक्सिया मौत (Hypoxia Death) शब्द शायद आपने पहली बार सुन रहे होगे लेकिन इस समय यह दुनिया भर में बवाल मचा रहा है।
स्विट्जरलैंड में इस मामले में एक के बाद एक कई गिरफ्तारियां हो रही हैं। अमेरिका की एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद यह मामला इस कदर गरमा कि Switzerland के आंतरिक मंत्री को भी इस पर बयान देना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसा करना गैरकानूनी है।
दरअसल, यह पूरा मामला इच्छामृत्यु से जुड़ा है। भारत समेत ज्यादातर देशों में इच्छामृत्यु गैर-कानूनी है। हाइपोक्सिया एक कैप्सूल जैसी दिखने वाली चीज है, जिसके अंदर जाकर एक अमेरिकी महिला ने अपनी जान दी।
हाइपोक्सिया मौत के कैप्सूल में जाते ही इच्छामृत्यु को अपनाने वाले इंसान को अंदर जाकर एक बटन दबाना होता है जिसके बाद अंदर मौजूद ऑक्सीजन नाइट्रोजन (Oxygen Nitrogen) में बदल जाती है, जिससे उस इंसान की मौत हो जाती है।
सालों से जूझ रही थी गंभीर बीमारी से
स्विट्जरलैंड में इच्छामृत्यु पर बैन है, लेकिन सहायता प्राप्त मृत्यु कानूनी है। स्विट्जरलैंड के आंतरिक मंत्री एलिजाबेथ बॉम-श्नाइडर ने सांसदों को बताया कि ये कानूनी नहीं है। पुलिस ने कहा कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन पर आपराधिक कार्यवाही की जा रही है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब The Last Resort नाम के संगठन ने जुलाई में एक पॉडकास्ट में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसे कुछ महीनों के अंदर पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा।
स्विट्जरलैंड में इसके इस्तेमाल में कोई कानूनी बाधा नहीं है। AFP को दिए गए बयान में, उन्होंने कहा कि जिस महिला ने हाइपोक्सिया मौत को अपनाया वह 64 साल की थी और अमेरिका से ताल्लुक रखती थी.
वह सालों से गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। महिला की मौत को शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बताया गया है। मामले ने तूल पकड़ा तो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (Public Prosecutor) के बताया कि खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में कई लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की गई है और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है।