समलैंगिक पार्टनर को माता-पिता ने अलग किया तो महिला पहुंच गई कोर्ट, कोर्ट ने…

हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने के बाद पुलिस को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता (Petitioner) की Partner को 19 जून तक अदालत के सामने पेश करे

News Aroma Media

कोच्चि : एक महिला ने केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया है कि उसे उसकी समलैंगिक पार्टनर (Gay Partner) को उसके माता-पिता ने जबरदस्ती उससे अलग कर दिया।

महिला ने अदालत से मदद की गुहार लगाई है।

दोनों महिलाओं के रिश्तेदारों ने पुलिस से किया संपर्क

हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने के बाद पुलिस को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता (Petitioner) की Partner को 19 जून तक अदालत के सामने पेश करे।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पार्टनर के माता-पिता को भी नोटिस जारी किया।

अपनी दलील में शिकायतकर्ता ने कहा कि वह और उसकी साथी दोनों रूढ़िवादी मुस्लिम परिवारों से हैं और उनके परिवारों को उनके रिश्ते के बारे में पता चलने के बाद, उन्होंने उन्हें अलग करने की बहुत कोशिश की।

इसके बाद दोनों समलैंगिक पार्टनर (Gay Partner) 27 जनवरी को अपने घर से चली गई लेकिन जल्द ही दोनों महिलाओं के रिश्तेदारों ने पुलिस से संपर्क किया और अपराध दर्ज करवा दिया।

30 मई को जबरदस्ती उठा लिया

फिर निचली अदालत उनके बचाव में आई और दोनों को एक साथ रहने की अनुमति दी और वे एनार्कुलम जिले में बस गए।

महिला ने कहा कि अब उसकी साथी को उसके माता-पिता ने 30 मई को जबरदस्ती उठा लिया और फिलहाल वह उनकी कैद में है।

अपनी दलील में महिला ने आगे कहा कि इस बारे में पुलिस से संपर्क करने के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही और उसे शक है कि उसकी पार्टनर को उसका परिवार देश से बाहर भेज देगा।

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