जब पूरी दुनिया ने पहली बार देखा Lockdown

News Aroma Media

बीजिंग: आज से एक साल पहले, यानी 23 जनवरी, 2020 को नये कोरोनावायरस महामारी की वजह से मध्य चीन के हुपेइ प्रांत के लगभग सभी शहरों में लॉकडाउन लगा, विशेषकर हुपेइ प्रांत की राजधानी वुहान शहर में, जो कि कोविड-19 का अभिकेंद्र था।

उस समय पूरी दुनिया ने पहली बार लॉकडाउन देखा था।

जब लॉकडाउन लगा तब वुहान शहर पूरी तरह से सुनसान हो गया।

सड़कों पर ना तो लोग दिखाई देते थे और ना ही गाड़ियां, बस हर तरफ सन्नाटा ही पसरा था।

उसका संपर्क देश के बाकी हिस्सों से टूट गया।

हालांकि, यह लॉकडाउन 8 अप्रैल, 2020 तक रहा।

लेकिन इस बीच वुहान को भारी समस्याओं और दुखों से गुजरना पड़ा। मगर महामारी को रोकने का संभवत: यह सबसे प्रभावशाली तरीका रहा।

अब एक साल पूरा हो चुका है और अब चीन इस महामारी से उबर चुका है।

वुहान ने कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ जिस तरह से जोरदार लड़ाई लड़ी है, आज उसी का ही परिणाम है कि वहां स्थिति सामान्य हो चुकी है।

फिलहाल, वुहान में लोगों का जीवन पटरी पर लौट आया है। सड़कों पर लोग बिना मास्क लगाये नजर आते हैं।

सभी रेस्तरां, पब, क्लब, बाजार आदि में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि वुहान शहर पहले कभी कोरोनावायरस का अभिकेंद्र था।

यह शहर शुरूआती दिनों में कोरोना वायरस से जूझता रहा, लेकिन अब सब कुछ सामान्य दिखाई देने लगा है।

वुहान से लॉकडाउन हटने के बाद 1 करोड़ से ज्यादा लोगों का बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें केवल कुछ ही मामले सामने आये, वो भी बगैर लक्षण वाले जबकि लक्षण वाला कोई मामला सामने नहीं आया।

पिछले साल की शुरूआत में जब महामारी फैल रही थी, तब वहां अस्पताल में बेड ज्यादा नहीं थे, अस्पताल के बाहर कोरोना से ग्रस्त रोगियों की लंबी कतारें थीं, और लोगों में डर था कि आगे क्या होने वाला है।

लेकिन अब उन लोगों का तनाव विकार धीरे-धीरे जा रहा है।

लोग अब रिलैक्स करने लगे हैं, और भय के मंजर से अपने आपको उभार पा रहे हैं।

महामारी के चलते इस साल की शुरूआत में वुहान में पर्यटन उद्योग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, और अब वुहान की सरकार ने पूरे शहर के दर्शनीय स्थलों को नि:शुल्क रूप से खोल दिये हैं।

वहां की सरकार टूरिज्म को काफी बढ़ावा दे रही है, और लोगों को पर्यटन के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

वाकई, चीन ने इस महामारी पर अच्छे से काबू पाया है। कोरोना के खिलाफ अपनी मजबूत इच्छा शक्ति दिखाई है।

चीन सरकार और जनता ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में संयम और संकल्प का परिचय दिया है।

देखा जाए तो चीन ने पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका की तुलना में बहुत बेहतर काम किया है।

जहां चीन ने अपने लोगों की जान बचाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया है, वहीं पश्चिमी देशों ने स्थिति में ढील बरतते हुए मौके को हाथ से गंवा दिया है, और लोगों को अपने हाल पर ही छोड़ दिया है।

दरअसल, चीन ने इस महामारी को एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल माना है।

अन्य प्रांतों और क्षेत्रों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चीन ने राष्ट्रीय संयुक्त रोकथाम और नियंत्रण तंत्र स्थापित किया।

इस दौर में चीनी लोगों ने अपनी सरकार का पूरा साथ दिया और अपने असाधारण प्रयासों के साथ इस महामारी के खिलाफ जनयुद्ध लड़ा।

हालांकि, महामारी पर लगभग विजय पाने के बावजूद भी चीन ने महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरती है।

चीन ने जब महामारी की पहली लहर को नियंत्रित कर लिया, तो उसके बाद से चीनी जनता ने नए प्रकोप के लिए और ज्यादा सतर्कता बरती।

बहरहाल, चीन ने अब तक महामारी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी है, उसे देख देश की जनता गर्व महसूस कर सकती है।

लेकिन चीन भली-भांति जानता है कि अभी कोरोना के खिलाफ उसकी लड़ाई पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।

यह एक वैश्विक लड़ाई है, और अन्य देशों में जो स्थितियां हैं, वे चीन के युद्ध मैदान को प्रभावित करेंगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)