नई दिल्ली : सहारा (Sahara ) में निवेशकों के फंसे पैसे कब मिलेगा इसकी जानकारी SEBI ने दी है। दरअसल, PACL LTD. के 19 लाख से अधिक निवेशकों को 920 करोड़ रुपये वापस किए गए हैं।
इन निवेशकों का कंपनी के ऊपर 17,000 करोड़ रुपये का दावा है। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा सहारा इंडिया (Sahara India) में फंसे लाखों निवेशकों का पैसा नहीं मिला है।
हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पैसा दिलाने का वादा किया था। सहारा के निवेशकों को रिफंड पाने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने के कारण भटकना पड़ रहा है।
कंपनी ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार (Agriculture and Real Estate Business) के नाम पर लोगों से पैसा जुटाया था। अवैध रूप से सामूहिक निवेश योजना के अंतर्गत 18 साल के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए थे।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश R M Lodha की अध्यक्षता वाली समिति ने PACL के निवेशकों के लिये चरणबद्ध तरीके से निवेश राशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
सेबी ने 919.91 करोड़ लौटाये
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI ) की वेबसाइट के अनुसार, अबतक समिति ने सफलतापूर्वक 19,61,690 आवेदनकर्ताओं को 919.91 करोड़ लौटाये हैं।
इनका बकाया (मूल राशि) 17,000 करोड़ रुपये तक है। समिति ने फरवरी में निवेशकों से PACL से प्राप्त मूल प्रमाणपत्र (Basic Certificate) देने को कहा था ताकि उनका पैसा सत्यापन के बाद वापस किया जा सके। मूल प्रमाणपत्र स्वीकार करने की तिथि 27 फरवरी से 20 मार्च, 2023 थी।
जानिए कब मिलेगा सहारा से पैसा
सहारा समूह में जिन निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाई थी, लेकिन उनका पैसा फंसा हुआ है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कुछ सप्ताह पहले कहा था कि सहारा के निवेशकों का पैसा ब्याज सहित लौटाने की प्रक्रिया तीन-चार महीने में शुरू हो जाएगी।
शाह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह (Sahara Group) की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है।
उन्होंने निवेशकों से अपने दावे केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (Registrar) को भेजने के लिए कहा। बता दें कि 10 करोड़ निवेशकों का पैसा इन चार सहकारी समितियों में फंसा हुआ है।
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की निगरानी में होगा वितरण
बता दें न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार (MR Shah and Justice CT Ravikumar) की पीठ ने कहा कि सहारा समूह की सहकारी समितियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए।
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी (R Subhash Reddy) करेंगे।