रांची: Leprosy Eradication Campaign (कुष्ठ उन्मूलन अभियान) में WHO के ब्रांड एम्बेसडर योही सासाकावा (Yohei Sasakawa) ने कहा कि कुष्ठ न तो भगवान का अभिशाप न ही फैलने वाली बीमारी है।
यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि सशक्त लीडरशिप से कुष्ठ का उन्मूलन हो सकता है।
निश्चित तौर पर इस बीमारी का समूल नष्ट हो जायेगा
यह बातें उन्होंने होटल रेडिशन ब्लू (Hotel Radiation Blue) में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस (PressConfrence) में कही। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 40 वर्ष से कुष्ठ के विरुद्ध कार्य कर रहा हूं।
भारत के सभी राज्यों में जाकर कुष्ठ उन्मूलन और कुष्ठ रोगियों के कल्याण के लिए कार्य कर रहा हूं। कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में झारखंड की सहिया बहनें काम कर रही हैं, यह जानकर काफी प्रसन्नता हुई। जब समुदाय के सभी लोग जुड़कर काम करेंगे तो निश्चित तौर पर इस बीमारी का समूल नष्ट हो जायेगा।
योही सासाकावा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) पिठौरिया जाकर स्वास्थ्य सहियाओं से मुलाकात की और कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को देखा और उनकी प्रशंसा भी की। उन्होंने कुष्ठ उन्मूलन के लिए मेरा झारखंड राज्य का चयन सफल हो गया।
निदेशक प्रमुख डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और दवा निशुल्क उपलब्ध है। यदि किसी की त्वचा में हल्के रंग का दाग है तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मियों से मिलकर जांच कराएं।
शीघ्र इलाज ही अपंगता से बचा सकता है। निदेशक प्रमुख ने कुष्ठ कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति के बारे में कहा कि वर्ष 2022-23 में माह सितम्बर तक राज्य में कुष्ठ रोग का प्रसार दर प्रत्येक दस हजार की जनसंख्या पर 1.49 है। राष्ट्रीय लक्ष्य प्रति दस हजार की जनसंख्या में एक रोगी से कम।
1006 स्वयं देखभाल के लिए सेल्फ केयर किट का वितरण किया गया
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में माह सितम्बर तक कुल 4730 नये कुष्ठ रोगियों को खोज कर इलाज शुरू किया है। राज्य में इस समय कुल 6135 रोगी इलाजरत हैं।
वर्ष 2022-23 में माह सितम्बर तक कुष्ठ से उत्पन्न विकलांगता को दूर करने के लिए कुल 66 रोगी का शल्य चिकित्सा किया जा चुका है।
वर्ष 2022-23 में माह सितम्बर तक कुष्ठ से प्रभावित रोगियों में 2299 विशेष प्रकार की चप्पल (MCR) एवं 1006 स्वयं देखभाल के लिए सेल्फ केयर किट (Self Care Kit) का वितरण किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मचारी और अधिकारी मौजूद
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के कंसल्टेंट रंजीत रंजन पाठक ने कहा कि कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए राज्यस्तर पर सघन कुष्ठ मरीज खोज अभियान का आयोजन किया गया।
इनके अलावा अपर्सन अफेक्टेड फ्रॉम लेप्रोसी (अपाल) संस्थान के माया रणवरे, मो. जैमुद्दीन ने भी विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर आईईसी सेल के प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार सिंह, WHO के कोऑर्डिनेटर डॉ अभिषेक, एनटीडी डॉ मनोज सहित स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मचारी और अधिकारी मौजूद थे।