प्रयागराज: गुड्डु मुस्लिम (Guddu Muslim) का जन्म प्रयागराज (Prayagraj) में हुआ। चार भाइयों में सबसे बड़ा गुड्डू शुरुआत में घर की चिकन शॉप (Chicken Shop) पर भी बैठता था।
हालांकि 15 साल की उम्र में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। इसके बाद उसका खौफ कायम हो गया। स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले जब वह सड़क (Road) पर चलता था तो कोई भी उसकी आंखों में देखने की हिम्मत नहीं करता था।
स्थानीय लोग बताते हैं कि उसका स्वभाव बॉलीवुड फिल्मों के उन गैंगस्टर्स जैसा है जो काफी गुस्सैल और अनप्रिडिक्टेबल (Short Tempered and Unpredictable) होते हैं यानी कभी भी कुछ कर बैठने वाला शख्स। इसलिए जब वह सड़क से गुजरता था तो लोग शांत खड़े हो जाते थे।
लोग उसे गुड्डु बमबाज भी कहते हैं
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुड्डु डकैती और जबरन वसूली समेत कई अपराधों में शामिल रहा है। हालांकि बम बनाने में एक्सपर्टीज (Experts) हासिल करने की वजह से गैंगस्टरों के बीच उसकी काफी मांग थी। इसी वजह से लोग उसे गुड्डु बमबाज भी कहते हैं।
शाइस्ता परवीन के साथ छिपा हुआ है गुड्डू मुस्लिम
गुड्डू फिलहाल फरार है और माना जा रहा है कि वह अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) के साथ छिपा हुआ है। उमेश की हत्या के बाद STF को उसकी लोकेशन पश्चिमी UP के कई शहरों में मिली थी।
इसके बाद मेरठ में अतीक अहमद के बहनोई इखलाक के घर का एक CCTV फुटेज वायरल हुआ था। इसमें गुड्डू मुस्लिम साफ नजर आया था। दो दिन पहले उसकी लोकेशन नासिक में मिली थी। बताया जाता है कि इस समय वह कर्नाटक में है।
सत्येंद्र सिंह और धनंजय सिंह जैसे बाहुबलियों से जुड़ा
जब गुड्डू अपराध के रास्ते पर चलने लगा तो घरवालों ने उसे लखनऊ भेज दिया। लखनऊ (Lucknow) में सुधरने की बजाय वह बड़े माफियाओं से जुड़ता गया।
गुड्डू मुस्लिम लखनऊ में रहने के दौरान फैजाबाद के हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र सिंह की गैंग से जुड़ गया। 1997 में श्रीप्रकाश शुक्ला ने सत्येंद्र सिंह की AK-47 से हत्या कर दी थी।
साल 1997 में ही लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज के फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर फ्रेडरिक गोम्स (Frederick Gomes) की हत्या हॉस्टल में घुसकर कर की गई। इसमें गुड्डू मुस्लिम का नाम सामने आया। पुलिस ने इस मामले में गुड्डू के साथ धनंजय सिंह को भी गिरफ्तार किया।
हत्या की धमकी देकर खुद लेने लगा रेलवे का टेंडर
हालांकि कुछ दिनों बाद सबूतों के अभाव में जमानत पर उसे रिहा कर दिया गया। इसके बाद गुड्डू धनंजय सिंह के काफी करीब आ गया। उस वक्त लखनऊ (Lucknow) में MLC अजीत सिंह बाहुबली के तौर पर उभरे थे।
रेलवे ठेके में उनका वर्चस्व था। अजीत सिंह का मुकाबला करने के लिए बाहुबली धनंजय ने गुड्डू मुस्लिम को सामने किया। गुड्डू भी उस वक्त अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमा चुका था।
गुड्डु अब उन रेलवे अफसरों का ही अपहरण करने लगा, जो अजीत सिंह के करीबी थी। साथ ही हत्या की धमकी देकर रेलवे (Railway) के टेंडर खुद लेने लगा।
अब तो गुड्डू के कहने पर ही सरकारी टेंडर पास होने लगे। जुलाई 1997 में स्टेट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (Construction Corporation) के इंजीनियर को बीच सड़क पर गोलियों से भून दिया गया। हत्या में धनंजय सिंह के साथ गुड्डू मुस्लिम को भी आरोपी बनाया गया।
डॉन परवेज टाडा के साथ माफिया उदयभान की गैंग के लिए काम किया
पुलिस की सख्ती होने पर गुड्डू मुस्लिम गोरखपुर पहुंच गया। इसके बाद वह डॉन परवेज टाडा के लिए काम करने लगा। यहीं पर गुड्डू ने बम बनाने में महारत हासिल की।
इसी दौरान परवेज ने गुड्डू की पहचान बिहार के माफिया उदयभान से कराई। साथ ही गुड्डू के बम बनाने की स्किल की तारीफ की। अब गुड्डू बिहार में भी लूट, अपहरण, बमबाजी और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देने लगा।
इसके बावजूद गुड्डू ने परवेज का साथ नहीं छोड़ा था। परवेज के बुलाने पर वह आपराधिक घटनाओं (Criminal Incidents) को अंजाम देने के लिए बीच-बीच में गोरखपुर भी जाता था।
मुख्तार अंसारी के लिए था काम करता
इसी बीच, वह पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के संपर्क में आया। मुख्तार भी गुड्डू के बम बनाने के तरीके से हैरान रह गया। इसके बाद मुख्तार ने भी उसे अपना खास गुर्गा बना लिया।
साल 2001 तक उसने मुख्तार के लिए ही काम किया। इस बीच खुफिया सूचना पर गोरखपुर पुलिस उसे पटना के बेऊर जेल के पास से गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद माफिया अतीक अहमद की एंट्री होती है।
अतीक ने तब गुड्डू को जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया। यूपी STF के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मंगवाए गए हथियार पंजाब के रास्ते गुड्डू मुस्लिम ही लाता था।
2005 में राजू पाल की हत्या में नाम आया
अब गुड्डू अतीक का खासमखास बन गया। 2005 में प्रयागराज पश्चिमी के MLA राजू पाल की हत्या हो गई। यूपी के सीनियर पुलिस अधिकारी बताते हैं कि गुड्डू ने राजू पाल पर हथगोला उसी तरह फेंका, जिस तरह उसने इस साल फरवरी में राजू पाल मामले के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या के दौरान फेंका था।
उमेश पाल की हत्या के आया चर्चा में
इसी साल 24 फरवरी को Raju Pal Murder Case में मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में उसी के घर के पास दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया।
इसमें अतीक के बेटे असद और अन्य आरोपी लगातार उमेश पाल पर गोलियां बरसाते देखे जाते हैं। CCTV में एक और शख्स दिखाई देता है। वो ब्लैक कलर का छोटा बैग लिए होता है।
UP पुलिस ने इनमें से 4 का एनकाउंटर कर दिया
वह शख्स बारी-बारी से उसमें से बम निकालता है और बड़े आराम से इधर-उधर फेंकते हुए चलता जाता है। ये शख्स दरअसल गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) ही था।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) की सहजता से ऐसा लग रहा था कि जैसे वह फूल फेंक रहा हो, बम नहीं।
उमेश पाल की हत्या में 7 शूटर्स शामिल थे। UP पुलिस ने इनमें से 4 का एनकाउंटर कर दिया है। वहीं तीन शूटर्स अब भी फरार हैं। इनके नाम गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान हैं।