जंगली हाथी का कहर, दो लोगों को कुचलकर मार डाला, ग्रामीणों में दहशत

इन दोहरे हमलों के बाद सिसई प्रखंड के दर्जनों गांवों में डर और तनाव फैल गया है। ग्रामीण और वन विभाग हाथी को जंगल की गहराई में भगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार हमलों से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है।

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Wild elephant wreaks havocगुमला जिले के सिसई प्रखंड में रविवार को एक जंगली हाथी ने दो लोगों की जान ले ली। दोनों घटनाएं एक ही दिन में अलग-अलग समय पर हुईं, जिसमें हाथी ने पहले सुबह और फिर शाम को हमला किया। क्षेत्र में हाथी के आतंक से दर्जनों गांवों में दहशत का माहौल है।

पहली घटना : भोला उरांव की मौत

पहली घटना सुबह करीब 8 बजे छारदा गांव के पास पतरा जंगल में हुई। यहां 63 वर्षीय भोला उरांव जंगल के किनारे बैठकर हाथी पर नजर रख रहे थे। जानकारी के मुताबिक, सुबह हाथी पतरा जंगल से गांव की ओर आ गया था, जिसे भगाने के लिए सैकड़ों ग्रामीण जुटे थे। अचानक हाथी उग्र हो गया और भीड़ की ओर दौड़ा। ग्रामीण भागने लगे, लेकिन भोला उरांव हाथी की चपेट में आ गए।

हाथी ने उन्हें पैरों से कुचल दिया। उन्हें सिसई रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सिसई पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा।

दूसरी घटना : महफूज अंसारी की जान गई

दूसरी घटना शाम करीब 5 बजे छारदा जंगल के पास हुई। बघनी गांव के 25 वर्षीय महफूज अंसारी, जो जमीरुद्दीन अंसारी के बेटे थे, इस हमले का शिकार बने। शाम को वन विभाग की टीम और ग्रामीण छारदा, बारंदा, पबया, मंगलों और भुरसो क्षेत्र से हाथी को खदेड़ने के लिए जंगल में थे। इसी दौरान हाथी फिर से उग्र हो गया और लोगों को दौड़ाने लगा। महफूज अंसारी को हाथी ने कुचलकर मार डाला। इस घटना में छारदा गांव का एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गया।

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इलाके में भय का माहौल

इन दोहरे हमलों के बाद सिसई प्रखंड के दर्जनों गांवों में डर और तनाव फैल गया है। ग्रामीण और वन विभाग हाथी को जंगल की गहराई में भगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार हमलों से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है।

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