क्या कुछ होगा खास इस सरहुल रांची में ? तैयारियों ने बढ़ाई उत्सुकता!

रांची में सरहुल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर भर में सजावट और उत्सव का माहौल है। प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के कड़े इंतजाम किए हैं। इस बार कई नए आयोजनों की भी योजना बनाई गई है।

Smriti Mishra
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Sarhul Preparations in Ranchi :सरहुल झारखंड के आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह प्रकृति की पूजा का पर्व है, जो वसंत ऋतु के स्वागत के रूप में मनाया जाता है। इस बार रांची में इसे लेकर खास तैयारियां की गई हैं। जगह-जगह रंगीन झंडे और रोशनी की सजावट की गई है।

रांची की गलियों में चहल-पहल बढ़ गई है। पारंपरिक गीतों और ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई देने लगी है। बाजारों में पारंपरिक कपड़ों और पूजा की सामग्रियों की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है।

सरना स्थलों पर विशेष आयोजन

हटिया, डोरंडा और मोरहाबादी जैसे सरना स्थलों पर पूजा-अर्चना की विशेष व्यवस्था की गई है।

साल के फूलों से देवताओं की पूजा की जाएगी और अच्छे मौसम व खुशहाली की प्रार्थना होगी। इस दौरान लोग पारंपरिक व्यंजन भी बनाएंगे और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटेंगे।

सुरक्षा और यातायात की तैयारी

प्रशासन ने जुलूस और कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

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शहर में कई जगह पुलिस बल तैनात रहेगा। ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए रूट डायवर्जन की योजना बनाई गई है।

नेताओं और समाजसेवियों का संदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने लोगों को सरहुल की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से प्रेम और आपसी भाईचारे का संदेश देता है।

धार्मिक संगठनों ने भी लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।

बाजारों में रौनक और व्यापारियों की खुशी

सरहुल के कारण बाजारों में रौनक बढ़ गई है। दुकानदारों के अनुसार, इस बार पारंपरिक कपड़ों और आभूषणों की अच्छी बिक्री हो रही है।

खाने-पीने की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां

इस बार सरहुल में कई विशेष झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम होने वाले हैं।

शहर के अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी नृत्य और लोकगीतों की प्रस्तुतियां होंगी, जिससे माहौल और भी रंगीन हो जाएगा।

 

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