नई दिल्ली: भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 9,111 नए मामले सामने आए हैं जिसके कारण देश में कुल Active Cases की संख्या 60,313 हो गई है।
पिछले 24 घंटों में 27 मौतें भी दर्ज की गई हैं। गुजरात में छह, उत्तर प्रदेश (UP) में चार, दिल्ली और राजस्थान में तीन-तीन, महाराष्ट्र में दो, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल और तमिलनाडु (Tamil Nadu) से एक-एक मौतों की जानकारी दी गई है।
Corono Virus के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर बारीकी से नजर रखने और जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) की सलाह दी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कई एक्सपर्ट लोगों को सावधानी बरतने और बूस्टर डोज (Booster Dose) लगवाने की भी सलाह दे रहे हैं।
लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि COVID-19 वैक्सीन आपको 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकतीं।
भले ही आपको Booster Dose लगी हो या ना लगी हो। इसलिए संभावना है कि आपको संक्रमण हो सकता है।
100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती COVID-19 वैक्सीन
रूबी हॉल क्लिनिक के कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ अभिजीत एम देशमुख (Dr Abhijit M Deshmukh) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘हमें इस बात को याद करने की जरूरत है कि कोरोना के खिलाफ लगाई कई वैक्सीन किसी को भी 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान नहीं करतीं।
अगर आप बूस्टर डोज लेते हैं तो भी नहीं।
दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय (Dr Sanjay Rai) का कहना है, ‘इस समय वैक्सीन की बूस्टर डोज फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है।
शुरुआत में जब अधिक लोग संक्रमित नहीं थे, तब लोगों में हर्ड Immunity नहीं थी और वैक्सीन की जरूरत थी ताकि बीमारी की गंभीरता और मौत के आंकड़ों को कम किया जा सके।
लेकिन अब देश में लगभग सभी लोग संक्रमित हो चुके हैं और उनमें Natural Immunity भी विकसित हो गई है जो किसी भी वायरस से बचाने में Vaccine से ज्यादा असरदार है।’
डॉ संजय ने कहा, ‘वैक्सीन से कोरोना की किसी नई लहर को नहीं रोक सकते, यह केवल मौत के आंकड़ों और बीमारी की गंभीरता को कम सकती है। इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए अधिक वैक्सीन देने से आपको फायदे की अपेक्षा नुकसान हो सकता है।’
फुल वैक्सीनेटेड लोगों को भी हो सकता है इंफेक्शन
भारत सरकार द्वारा स्थापित जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं की एजेंसी भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के एक मेंबर ने कुछ समय पहले कहा था, ‘COVID -19 भारत में कोरोना के नए मामलों के नमूनों से पता चलता है कि कोरोना से होने वाली मौतों और हॉस्पिटल में भर्ती होने के पीछे ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट XBB।1।16 है।
कुल मामलों में से ज्यादातर मामले XBB वैरिएंट के अलग-अलग सब-वैरिएंट्स के ही हैं। ये सभी मामले ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन (Breakthrough infection) हैं यानी कि लोगों ने वैक्सीन की बूस्टर डोज भी ली है, वे लोग भी संक्रमित हो रहे हैं।’
मेंबर ने आगे कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दो खुराक ली हैं या तीन। यह वैरिएंट वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
लेकिन इस वायरस को लेकर यह बात देखी जा रही है कि इस वैरिएंट में गंभीरता नहीं देखी जा रही है लेकिन फिर भी यह तेजी से फैल रहा है।’
कोरोना की जांच करते रहेंगे तो मामले भी बढ़ते रहेंगे
डॉ संजय राय का कहना है, ‘हम अभी जो Corona की स्थिति देख रहे हैं, वह हमेशा बनी रहेगी। मामलों में वृद्धि भी देखी जाएगी।
अगर हम कोरोना की जांच करते रहेंगे तो मामले भी बढ़ते रहेंगे।
सबसे जरूरी यह है कि हॉस्पिटल में एडमिट होने और मामले की गंभीरता ना बढ़े।
जो लोग संक्रमित हो रहे हैं वह मास्क लगाकर रखें, घर से बाहर भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं और अपने आपको आइसोलेट कर लें।
नहीं समझ आ रहा COVID-19 के लक्षण
Dr. अभिजीत ने कहा, ‘कोरोना और फ्लू के लक्षण समान ही हैं, इसी कारण लोगों को यह पता नहीं लग पा रहा है कि किसको फ्लू है और कौन कोरोना से संक्रमित। कोविड-19 की उपस्थिति का पता ना लग पाने के कारण लोगों को समझ नहीं आ रहा है और वे किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में सामान्य फ्लू समझकर आ जाते हैं और वे भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमण से बचे रहने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि COVID-19 वायरस अगर फेफड़े में चला जाए तो गंभीर रूप से बीमारी पैदा कर सकता है।’