नई दिल्ली: Parliament (संसद) के आगामी Winter Session (शीतकालीन सत्र) के पुराने भवन में ही आयोजित होने के आसार हैं क्योंकि नयी इमारत के कुछ हिस्सों के निर्माण कार्य के पूरा होने की जो निर्धारित समयसीमा थी, वह आगे बढ़ सकती है।
सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी
संसद का शीतकालीन सत्र सामान्यत: नवंबर माह के तीसरे सप्ताह में आरंभ होता है। सरकार की कोशिश Winter Session( शीतकालीन सत्र) से पहले निर्माण कार्य पूरा कर लेने की थी।
सूत्रों ने बताया कि यह इमारत एक अहम और जटिल परियोजना है, जिसका निर्माण बेहद ही चुनौतीपूर्ण समयसीमा के भीतर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य चौबीसों घंटा चल रहा है।
उन्होंने बताया कि भवन का सिविल कार्य लगभग पूरा हो चुका है लेकिन अंतिम दौर का काम व बिजली का काम इस साल के अंत तक जारी रह सकता है।
सूत्रों ने बताया कि निर्माण कार्य की गति में तेजी लाने के लिए फर्नीचर, कालीन, दीवार भित्ति चित्र और भवन को सुसज्जित करने के साथ ही विभिन्न स्थानों पर भवन निर्माण का काम भी चल रहा है।
शीतकालीन सत्र पुराने भवन में होने के आसा
सूत्रों ने बताया कि अभी भवन तैयार हो जाने की कोई तय तिथि नहीं बताई जा सकती है, ऐसे में इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि शीतकालीन सत्र पुराने भवन में ही हो।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने भी कहा कि शीतकालीन सत्र पुराने भवन में होने के आसार हैं।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, संयुक्त केंद्रीय सचिवालय, विजय चौक से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सुधार, प्रधानमंत्री के नए आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा नए उपराष्ट्रपति ‘एन्क्लेव’ की परिकल्पना की गई है।
‘मॉक ड्रिल’ और प्रशिक्षण कराया जाएगा
सूत्रों ने बताया कि भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद भी 15 से 20 दिनों की जरूरत पड़ेगी ताकि कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा सके और संसद सत्र की बैठक सुचारू रूप से हो सके।
उन्होंने बताया कि इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के कर्मचारियों के साथ ही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, भारत पर्यटन विकास निगम और अन्य कर्मचारियों का ‘मॉक ड्रिल’ और प्रशिक्षण कराया जाएगा।