नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 फरवरी को राधानगर बीच, स्वराज द्वीप में संयुक्त सेवा सामरिक प्रदर्शन देखा।
अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) के अभिन्न लड़ाकू प्लेटफार्मों और बलों ने कमान की बहु-आयामी सामरिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जिसमें जल-थल व नभ तीनों में लैंडिंग भी शामिल है।
इससे पहले राष्ट्रपति को कमांडर-इन-चीफ अंडमान निकोबार कमांड (सीआईएनसीएएन) लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कमान की सामरिक क्षमताओं और किसी भी कार्रवाई के लिए तत्परता की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
भारतीय नौसेना के चौदह जहाजों, तटरक्षक बल के दो फास्ट अटैक क्राफ्ट, भारतीय वायु सेना के विमानों और छह बीएमपी के साथ भारतीय सेना के 300 से अधिक दलों ने राष्ट्र की एकमात्र ट्राई-सर्विस कमान की लड़ाकू शक्ति के साझा प्रयोग का प्रदर्शन किया।
इस साझा प्रदर्शन ने वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा में सेना के इन तीनों अंगों के बीच तालमेल, सहयोग और अंतरसंचालनीयता पर प्रकाश डाला।
सामरिक प्रदर्शन में संयुक्त अभियानों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन किया गया और इसमें मार्कोस द्वारा कॉम्बैट फ्री फॉल (सीएफएफ) और हेलीकास्टिंग, घातक प्लाटून द्वारा विशेष हेलिबोर्न ऑपरेशंस (एसएचबीओ) और छह बीएमपी और 300 से अधिक लड़ाकों के साथ समुद्र तट पर उतरे पैदल सेना के सैनिकों द्वारा जल थल और नभ तीनों में हमला शामिल था।
नेवल गन फायर सपोर्ट (एनजीएफएस), काउंटर सरफेस फोर्स ऑपरेशंस (सीएसएफओ), सर्च एंड रेस्क्यू (एसएआर) ऑपरेशंस और समुद्र में वर्टीकल रिप्लेनिश्मेन्ट का भी प्रदर्शन किया गया।
समुद्र तट पर पैदल सेना के सैनिकों की जल थल और नभ तीनों माध्यमों से की गई लैंडिंग, लैंडिंग शिप टैंक (मीडियम) और लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी द्वारा की गई।
सामरिक प्रदर्शन का समापन डोर्नियर विमान, एमआई-17 वी5 और चेतक हेलीकॉप्टरों, जो अंडमान निकोबार कमान के ट्राई सर्विस तालमेल और युद्धक क्षमता को दर्शा रहे थे, के फ्लाई पास्ट के साथ हुआ।