नई दिल्ली : ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और बिग बाजार Big Bazaar चलाने वाले फ्यूचर समूह में जारी कानूनी लड़ाई के बीच बिग बाजार के लिए काम करने वाले महिला समूह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी जीविका की रक्षा के लिए मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज पत्र में बिग बाजार एसओएस समूह की महिलाओं ने कहा है, फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच समझौता हुआ है, जिसके बाद फ्यूचर रिटेल के स्टोरों को रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा चलाया जाएगा।
रिलायंस ने साथ ही फ्यूचर रिटेल के आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं के सभी बकाया का भुगतान करने की प्रतिबिद्धता जाहिर की है।’’
प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भेज पत्र में आगे कहा गया है, कोरोना महामारी के दौरान जहां हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं सौदे से हमें अपनी जीविका आगे भी बेहतर ढंग से जारी रहने की उम्मीद बंधी थी |
लेकिन अमेजन के गठबंधन को रोकने के प्रयास के चलते हमारी और हमारे परिवार की रोजी रोटी के समक्ष खतरा पैदा हो रहा है।
बिग बाजार से जुड़े समूह का दावा है कि उसके साथ दो लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इनमें दस हजार के करीब महिलाएं सीधे फ्यूचर समूह से जुड़ी हैं, जबकि अन्य दो लाख के करीब महिलाए अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी जीविका समूह के जरिए कमाती हैं।
ये महिला समूह फ्यूचर समूह के बिग बाजार ब्रांड के लिए उत्पादों की आपूर्ति करते हैं। समूह के अन्य ब्रांड जैसे एफबीबी, सेंट्रल ब्रांड फैक्टरी, ईजीडे, हेरिटेज सिटी, डब्ल्यूएच स्मिथ और 7-इलेवन आदि को भी उत्पादों की आपूर्ति करता है।
समूह ने कहा है कि उनका रोजगार छिनने के बाद उन्हें और उनके पारिवार को गहरा झटका लगेगा। इसके परिणामस्वरूप उन्हें गहरी कठिनाई से गुजरना पड़ सकता है।
महिला समूह ने कहा है कि यदि फ्यूचर समूह-रिलायंस के बीच हुए समझौते में अमेजन को हस्तक्षेप करने की अनुमति दी गई,तब इसका इन छोटे शहरों में जीविका का भरण पोषण करने वाले महिला समूहों पर बुरा असर होगा।
देश के छह हजार के करीब छोटे कारोबारियों और आपूर्तिकर्ताओं का फ्यूचर समूह पर 6,000 करोड़ रुपये का बकाया है। फ्यूचर समूह और अमेजन इस समय कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।
फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को रिलायंस रिटेल को बेचने का समझौता हुआ है जिसमें अमेजन ने आपत्ति जताई है। दोनों पक्षों ने कई कानूनी मंचों पर यह मामला उठाया है।