Female Scientist in Gaganyaan: ISRO इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट गगनयान (Project Gaganyaan) की तैयारी में जुटा हुआ है। बीते दिनों इसकी टेस्ट फ्लाइट (Test Flight) भी सफल रही थी।
महिला वैज्ञानिकों को मिलेगी प्राथमिकता
अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को कहा कि इसरो अपने बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (Human Space Flight Program) गगनयान मिशन के लिए महिला लड़ाकू पायलट या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देता है और भविष्य में उन्हें अंतरिक्ष भेजना चाहता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान में एक महिला ह्यूमनॉइड (रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) भेजेगा। इस महत्वाकांक्षी मिशन का लक्ष्य मनुष्यों को तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी की 400 किमी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
सोमनाथ ने मानव मिशन में महिलाओं की भूमिका पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा ‘इसमें कोई संदेह नहीं है…लेकिन हमें भविष्य में ऐसे संभावित (महिला) उम्मीदवारों का पता लगाना होगा।’
उनका बयान इसरो द्वारा मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान परीक्षण वाहन को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के एक दिन बाद आया है।
मानवयुक्त मिशन 2025 तक शुरू होने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि मानवयुक्त मिशन 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा। ” इसके लिए अभी शुरुआती तौर पर वायु सेना के फाइटर पायलटों की टेस्टिंग होगी।
वो थोड़ी अलग श्रेणी के हैं। अभी, हमारे पास टेस्टिंग के लिए महिला लड़ाकू पायलट नहीं हैं, इसलिए, एक बार जब वो आ जाएंगी, तो यह नया रास्ता होगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसरो का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। इसरो ने शनिवार को मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान से पहले टीवी-डी1 परीक्षण वाहन (TV-D1 Test Vehicle) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।
शुरुआती समस्याओं को ठीक करने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने देश के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम से संबंधित पेलोड (Payload) के साथ परीक्षण वाहन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।