मेदिनीनगर: मोटर वाहन दुर्घटना (Motor Vehicle Accident) क्लेम केस (Claim Case) को लेकर शुक्रवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन पलामू (Palamu) के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौबे (Pradeep Kumar Choubey) ने दीप प्रज्वलित कर किया।
उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मोटर क्लेम के मामले में काफी उपयोगी साबित होगा। कानून की पूरी जानकारी के अभाव में लोगों को क्लेम नहीं दिला पाते हैं।
क्लेम के मामले में सबसे बड़ा रोल पुलिस अधिकारी का
उन्होंने कहा कि क्लेम के मामले में सबसे बड़ा रोल पुलिस अधिकारी का होता है। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) का होता है।
पुलिस अधिकारी को ऐसे मामले में क्लाइंट्स (Clients) के साथ लचीला व्यवहार रखना चाहिए और उन्हें उचित मुआवजा मिले इसके लिए कानून के पूरे प्रावधान का पालन करना चाहिए।
MSCT क्लेम दिलाने के मामले में पलामू अग्रणी जिला बने इसके लिए हम सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
पुलिस के कर्तव्य के बारे में भी विस्तार से दी जानकारी
जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम संतोष कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि वाहन दुर्घटना पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलाने के उद्देश्य झारखंड परिवहन विभाग (Jharkhand Transport Department) ने वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली 2019 लागू किया है।
उन्होंने पुलिस के कर्तव्य के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। दुर्घटना के दौरान इन्वेस्टिगेशन ऑफ पुलिस ऑफिसर (Investigation of Police Officer) के ड्यूटी के बारे में विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि क्लेमेंट को छह माह के अंदर ही क्लेम केस करना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने भी विचार रखा।
इस मौके पर रजिस्ट्रार जिले के विभिन्न थानों से आए पुलिस अधिकारी, अधिवक्ता इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) के अलावा तमाम लोग उपस्थित थे।