नई दिल्ली: विश्व बैंक (World Bank) ने इस वर्ष विकसित देशों में मंदी और बढ़ने तथा विश्व में आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) मात्र 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट (World Bank Report) ग्लोबल इकोनामिक प्रोस्पेक्ट्स (Global Economic Prospects) में यह छह महीना पहले के अनुमान का करीब आधा है।
यदि ऐसा रहा तो यह है पिछले 30 वर्ष में 2019 और 2020 को छोड़कर विश्व अर्थव्यवस्था में सबसे कम GDP वृद्धि का वर्ष होगा।
रिपोर्ट में विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास (David Malpass) ने कहा है कि विकसित देशों में संकट गहरा हो रहा है। उन्होंने कहा है कि ताजा अनुमान बता रहे है कि स्थिति तेजी से और व्यापक रूप से बिगड़ रही है।
कई साल तक आर्थिक वृद्धि नरम रहने का खतरा है
दुनिया के करीब-करीब सभी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय COVID महामारी से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ेगी क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था की संभावनाओं के लिए चुनौती अभी बने रहने की आसार हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के अंत में उभरते बाजारों और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) COVID-19 महामारी के शुरू होने के पहले की तुलना में छह प्रतिशत कम रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों के सामने ऋण भार और कमजोर निवेश के कारण कई साल तक आर्थिक वृद्धि नरम रहने का खतरा है।