ब्रसेल्स: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने यूक्रेन और रूस के पास स्थित अपने पूर्वी किनारे पर अपनी थल सेना, नौसेना और वायुसेना की तैनाती को मजबूत किया तथा शुक्रवार को अपने नेताओं की एक डिजिटल बैठक की योजना बनाई है।
दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अन्य देशों को यह चेतावनी देने के बाद यह कदम उठाया कि अन्य देशों की किसी भी दखलंदाजी के अंजाम ऐसे होंगे जो इतिहास में कभी देखा नहीं गया होगा।
ईयू एवं नाटो सदस्य लिथुआनिया ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। इस बाल्टिक देश की सीमाएं रूस के कालिनीनग्राद के अलावा बेलारूस और पोलैंड से लगी हुई हैं। नाटो देशों ने प्रतिरोध के तौर पर 100 लड़ाकू विमान और 120 जहाज अलर्ट पर रखे हैं।
नाटो प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, ‘‘कोई गलती नहीं करेंगे : हम नाटो की सरजमीं की एक भी इंच जमीन पर किसी हमले के खिलाफ अपने सहयोगदी देशेां की रक्षा करेंगे। ’’
यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘हम यूरोपीय नेताओं के समक्ष अनुमति के लिए बड़े और लक्षित प्रतिबंधों का पैकेज लेकर आएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रौद्योगिकी और बाजारों तक पहुंच को बाधित कर रूसी अर्थव्यवस्था के अहम रणनीतिक क्षेत्रों को निशाना बनाएंगे।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि प्रतिबंधों को मंजूरी मिल गई तो ये रूसी अर्थव्यवस्था की बुनियाद कमजोर कर देंगे और आधुनिकीकरण की इसकी क्षमता घटा देंगे। ’’
यूरोपीय संघ अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसके अलावा हम यूरोपीय संघ में रूसी संपत्ति जब्त कर लेंगे और यूरोपीय वित्तीय बाजारों तक रूसी बैंकों की पहुंच रोक देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम रूस के उद्योगों को प्रौद्योगिकी की आपूर्ति रोकना चाहते हैं जिसकी उसे अपने भविष्य के निर्माण के लिए आज जरूरत है। ’’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह वाशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई थी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘हमारा रुख स्पष्ट है: कूटनीतिक, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य स्तर पर व्लादिमीर पुतिन का यह बर्बर कृत्य अवश्य नाकाम होगा’’
अब तक चीन को छोड़ कर विश्व के ज्यादातर देशों ने रूसी हमले की निंदा की है। चीन ने संकट बढ़ाने के लिए अमेरिका और इसके सहयोगी देशों को जिम्मेदार ठहराया है।
चीन ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंध बढ़ाने से रूस पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के कदम के तहत बृहस्पतिवार को रूस से गेहूं आयात करने को मंजूरी दी। रूस, गेहूं का एक सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन विदेशी बाजार ने परिवहन को बाधित कर दिया तो उसका निर्यात जोखिम में पड़ जाएगा।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कहा कि सभी पक्षों को शांति के लिए काम करना चाहिए, ना कि तनाव बढ़ाना चाहिए और ना ही युद्ध की संभावना को बढ़ा चढ़ा कर पेश करना चाहिए।
यूक्रेन पर रूस के हमले से तेल की कीमतें पांच डॉलर प्रति बैरल से अधिक बढ़ गई। ब्रेंट कच्चा तेल लंदन में 100 डॉलर प्रति बैरल को 2014 के बाद पहली बार पार गया।
अफ्रीका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के निदेशक ने यह चिंता जताई है कि यह संकट कोविड महामारी के खिलाफ महाद्वीप में अब तक हुए कम टीकाकरण से विश्व का और ध्यान भटकाएगा।