World Milk Day : आज World Milk Day है। कभी भारत दूध की कमी वाले देशों में गिना जाता था, लेकिन अब भारत दुनिया के सबसे बड़ा उत्पादक है।
वैश्विक दूध उत्पादन (Global Milk Production) में 23 फीसदी हिस्सा भारत का है। जबकि देश में रोजाना दूध की खपत भी बढ़ी है।
1970 में जहां 107 ग्राम प्रति व्यक्ति रोज दूध की खपत (Milk Consumption) थी वहीं 2022 में यह बढ़कर 444 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है।
1950-60 के दशक में भारत में दूध की कमी थी
पशुपालन और डेयरी विभाग (Animal Husbandry and Dairying Department) के आंकड़ों के अनुसार 1950-1960 के दशक में भारत दूध के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था। दूध का उत्पादन कई सालों तक घटता रहा।
1960 के दशक में 1.64 फीसदी से घटकर दूध उत्पादन की दर 1.15 फीसदी रह गई थी। 1950-51 में देश की प्रति व्यक्ति दूध की खपत 124 ग्राम प्रतिदिन से घटकर 1970 में 107 ग्राम प्रति दिन हो गया था। देश में 21 मिलियन टन से भी कम दूध उत्पादन (Milk Production) हो रहा था।
इस माध्यम से डेयरी उद्योग को मिला बढ़ावा
1965 में देशभर में डेयरी सहकारी समितियों के आनंद पैटर्न के निर्माण का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board) बनाया गया।
ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम (Operation Flood Program) के माध्यम से कई चरणों में इसे लागू कर डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया गया। 1970 में NDDB ने पूरे भारत में ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम (Operation Flood Program) के माध्यम से आनंद पैटर्न सहकारी समितियों को बढ़ाया।
देश में दूध का उत्पादन
वर्ष दूध उत्पादन(मिलियन टन)
1951 17
1961 20
1971 22
1981 31.6
1991 53.9
2001 80.6
2011 121.8
2021 210
2022 221.1
स्त्रोत: पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार
दुनिया में दूध की आपूर्ति
उच्च: अर्जेंटीना, अर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, कोस्टा रिका, यूरोप, इज़राइल, किर्गिस्तान, मंगोलिया और उत्तरी अमेरिका में उच्च( 150 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष)
मध्यम: भारत, जापान, केन्या, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश निकट पूर्व और अधिकांश लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में(किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष)
कम: ईरान, सेनेगल, वियतनाम, अधिकांश मध्य अफ्रीका और अधिकांश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में कम (30 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष)