Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब किया, क्योंकि पहलगाम हमले की साजिश के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के आरोप लग रहे हैं।
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी आतंकी वारदात के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों का नाम सामने आया हो। दुनिया के कई देश इस तरह के आतंकवाद से जूझ रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी चीन में आतंकी हमले की खबर सुनी है?
पिछले कुछ वर्षों का इतिहास देखें तो चीन एक ऐसा देश है जहां आतंकी हमले लगभग नहीं के बराबर होते हैं। आखिर क्यों आतंकवादी, जो दुनियाभर में दहशत फैलाते हैं, चीन को निशाना नहीं बनाते? आइए जानते हैं इसके पीछे के प्रमुख कारण।
1. पाकिस्तान के साथ गहरी दोस्ती
आतंकी हमलों के पीछे अक्सर पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI का नाम सामने आता है। कई बड़े आतंकी संगठनों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, चीन में आतंकी हमले न होने का सबसे बड़ा कारण चीन और पाकिस्तान की गहरी दोस्ती है।
पाकिस्तान अपनी रक्षा और आर्थिक जरूरतों के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है। चीन ने पाकिस्तान को भारी मात्रा में रक्षा उपकरण और आर्थिक सहायता प्रदान की है। ऐसे में पाकिस्तान चीन में आतंकी हमला करवाकर अपनी साख और हितों को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
2. सख्त सुरक्षा व्यवस्था और जीरो टॉलरेंस नीति
चीन की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त है। चीनी सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ अपनाती है। इसके लिए विशेष सुरक्षा बलों का गठन किया गया है, जो आतंकी गतिविधियों को रोकने में सक्षम हैं।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। चीनी शहरों में सर्विलांस सिस्टम, चेहरा पहचान तकनीक और पुलिस की त्वरित कार्रवाई आतंकवाद को पनपने से रोकती है।
3. सीमाओं पर कड़ी निगरानी
चीन के पड़ोसी देशों में भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं। पाकिस्तान से दोस्ती के कारण वहां से समर्थित आतंकवादी चीन में घुसपैठ नहीं करते। वहीं, भारत कभी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता।
इसके अलावा, चीन ने अपनी सीमाओं पर अत्याधुनिक निगरानी सिस्टम विकसित किया है, जिसमें ड्रोन, सैटेलाइट और सेंसर-आधारित तकनीक शामिल हैं। यह सिस्टम किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने में कारगर है।
4. आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर
चीन ने पिछले कुछ दशकों में अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति की है, जिससे नागरिकों का जीवन स्तर सुधरा है। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बावजूद, चीन में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। बेहतर शिक्षा, जागरूकता और आर्थिक स्थिरता के कारण स्थानीय नागरिक आतंकी विचारधारा का समर्थन नहीं करते।
सरकार का फोकस युवाओं को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने पर है, जिससे आतंकवाद को स्थानीय समर्थन नहीं मिलता।